Malabika Dhar
4 September, 2023
सेक्स के बारे में सही जानकारी नहीं दी जाए,तो बढ़ती उम्र और हार्मोंनल बदलाव के आधार पर बच्चों को इंटरनेट पर आधी-अधूरी जानकारी मिलती है, जिससे उनको सेक्स से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं और गलत आदतों का सामन करना पड़ सकता है। सही जानकारी न होने से सेक्स के दौरान और उसके बाद न केवल आपको, बल्कि आपके पार्टनर को भी कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं।
काम्प्रीहेन्सिव सेक्शुअल एजुकेशन शिक्षा (सीएसई) से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार होता है, जिसके परिणामस्वरूप यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई), एचआईवी और अनपेक्षित गर्भावस्था में कमी आती है।
लैंगिक समानता को देता है बढ़ावा
यह न केवल लैंगिक समानता और न्यायसंगत सामाजिक मानदंडों को बढ़ावा देता है, बल्कि सुरक्षित यौन व्यवहार, यौन शुरुआत में देरी और कंडोम के उपयोग में वृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
रूढ़ियों को मिटाने में मदद करता है
यह लोगों को विभिन्न यौन-संबंधी मुद्दों के बारे में गलत धारणाओं से बचाने के लिए जागरूक करता है।
लिंग आधारित हिंसा के जोखिम को कम करती है
सेक्शुअल एजुकेशन लिंग आधारित हिंसा के जोखिम को कम करती है। जानकारी के होने से यह लैंगिक हिंसा को पहचानने और इसका विरोध करने और बचने में मदद करती है।