Malabika Dhar
15 July, 2023
दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में कई जगह लगातार बारिश से डूब गईं। भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। बारिश और बाढ़ के कारण जान-माल की बहुत हानि हुई है और अर्थव्यवस्था को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मॉनसून की दस्तक के साथ हुई इस बारिश ने दिल्ली में बीते 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। कई दिनों तक खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बहने के बाद शनिवार शाम को बारिश के कारण यमुना के जलस्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है।
दिल्ली में 40 साल का रिकॉर्ड टूटा
बीबीसी के रिपोर्ट अनुसार जब भी शहर या सोसायटी बसती हैं तो उसके साथ ही पानी की निकासी का प्लान बनता है। प्लान में देखा जाता है कि किस इलाके में पानी ज़्यादा जमा हो जाता है, कौन से निचले स्तर के इलाके हैं और उनके लिए पानी निकलने का मार्ग क्या होगा?
शहरों में जलभराव के क्या कारण हैं?
अगर शहर के पानी के निकासी के सिस्टम को ठीक से लागू कर दिया जाए तो शहर में पानी जमा होने की 70 से 80 फ़ीसदी समस्या ख़त्म हो जाएगी। मुख्य रूप से बड़े शहरों में बाढ़ आने का कारण होता है नदी-नालों के इलाकों में अनाधिकृत बस्तियों का होना और ड्रैनेज सिस्टम पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव पड़ना.
अगर आप ऐसी स्थिति में फंसे हैं, जहां आपके घर में पानी भर चुका है तो कोशिश करें कि सबसे पहले किसी सुरक्षित जगह पर चले जाएं। अपने अपार्टमेंट और सोसाइटी में अध्यक्ष से बात कर सुरक्षा का प्लान बनाए।
कायदे से हर इंच ज़मीन के लिए ड्रैनेज प्लान होना चाहिए। ये प्लान होना ही चाहिए कि पानी आएगा तो आखिर जाएगा कहां? इस तरह की बारिश की परिस्थिति में सोसायटी के पास नांव और लोगों के लिए लाइफ़ जैकेट होने चाहिए।
हर जगह के जल निकासी की व्यवस्था हो
आपातकाल की स्थिति के लिए पूरी तैयारी रखिए। जरूरत का सामान, कैन्डल, दवाइयाँ आदि पहले से घर पर रखें। राहत और बचाव कार्यों के लिए टोल फ्री नंबर की जानकारी रखें।
आपातकाल के लिए तैयार रहें