आखिर लोग सिगरेट क्यों नहीं छोड़ पाते?

Youth Ki Awaaz

30 June, 2023

जब आप सिगरेट का धुआँ अंदर लेते हैं, तो निकोटिन तेजी से आपके फेफड़ों के किनारों में समा जाता है। यह कुछ ही सेकंड में दिमाग तक पहुँच जाता है, जहां इसका संपर्क नर्व सेल्स से होता है। इसके असर से डोपामाइन नाम का रसायन बाहर आता है।

सिगरेट की लत

यह हमारे दिमाग को एक तरह से संकेत देता है कि कुछ अच्छा करने की वजह से आपको रिवार्ड मिलने वाला है। यह मानवीय रूप से आपको भले समझ न आए या अंदाज़ा न हो, पर दिमाग हमें इस प्रक्रिया को दोबारा करने को कहता है।

निकोटिन की तलब

धूम्रपान करने वाले निकोटिन की तलब मिटाना चाहते हैं। कई शोधकर्ता मानते हैं कि सिगरेट में मौजूद निकोटिन की लत को छोड़ना कोकेन या अफीम के नशे को छोड़ने जैसा ही कठिन होता है। 

सिगरेट पीने वालों में निकोटिन एक उत्तेजक के रूप में भी काम करता है। यह लोगों को ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। अगर उनके पास सिगरेट न हो, तो उन्हें ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।

निकोटिन उत्तेजक बन जाता है

निकोटीन की लत कथित रूप से कोकेन या हेरोइन जितनी ही खतरनाक है। फिर भी कोई वयस्क बिना कोई सवाल या शर्त के दुकान से आसानी से सिगरेट खरीद सकता है। 

सिगरेट खरीदने पर नहीं होते सवाल

सिगरेट छोड़ना आसान नहीं

स्‍मोकिंग छोड़ने के बाद दोबारा स्‍मोक न करें इसके लिए निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी या दवाओं की जरूरत हो सकती है। अपने परिवार, सहकर्मियों, सहायता समूहों और चिकित्सक द्वारा समय पर सही चिकित्सा की भी जरूरत होती है जो कई बार लोगों के पहुँच के बाहर होती है।

सिगरेट छोड़ना चुनौतीपूर्ण है सकता है। खासकर तब जब कोरोना महामारी के बाद लोग अतिरिक्त सामाजिक और आर्थिक तंगी या तनाव में जी रहे हैं।

#TobaccoFreeLife

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