Jyoti Kumari
June 27, 2023
हम दो लोग( मैं और मेरी सीनियर ) जीबी रोड के लिए निकले। लोगों से सुना था कि वहाँ जाना खतरे को मोल लेना है। बहुत गन्दा इलाका है। वहाँ की महिलायें बहुत खराब होती हैं।तरह – तरह की बातें सुनी थीं, जिसकी वजह से मैं भी अंदर – अंदर थोड़ी डर गई थी।
हम दोनों बस से नई दिल्ली उतरे और वहाँ से रिक्शा ले लिए। रिक्शे में बैठते ही रिक्शा वाला हमें घूरने लगा। मैं उसे अनदेखा करते हुए बाहर की तरफ देखने लगी क्योंकि मुझे पता था इनका सोचना, इस तरह से देखना, घूरना, ये सब लाज़मी है। इस गली में कोई क्यों ही आयेगा, खास करके एक लड़की।
मैंने कई फिल्मों में देखी या कहानियों में पढ़ी थी कि यहाँ आई हुई ज्यादातर महिलायें किसी न किसी के धोखे की शिकार हैं। किसी के प्रेमी ने जबरदस्ती पैसे के लालच में बेच दिया, तो कोई बाप गरीबी के कारण इन्हें इस नर्क में बेच गया। अपनी ख़ुशी से कौन ही आयेगा यहाँ।
सामने छोटे – छोटे कमरे हैं। उसमें लड़कियाँ अपने ग्राहक के साथ आ रही हैं फिर दरवाज़ा बंद हो जा रहा है। यह सब देखते हुए मुझे अब अंदर से अजीब सी बेचैनी होने लगी। बहुत घुटन सी हो रही है, साँस बहुत तेजी में चल रही है। पहले जो मेरे मन में डर था वो अब बिलकुल भी नहीं है। मैं अपने को लेकर असुरक्षित महसूस नहीं कर रही हूँ लेकिन मुझे अब उस जगह से दिक्कत होने लगी है।
हर तरफ मेकअप की महक है। एक महिला तैयार होकर उठती है तो दूसरी बैठ जाती है। हम सबसे बात करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे मन में बहुत सी बाते हैं जो मैं पूछ लेना चाहती हूँ कि वो लोग यहाँ पर कैसा महसूस करती हैं बहुत सवाल भी हैं जैसे आप यहाँ कब आईं, कैसे आई, क्यों आई, क्या आपको, अपनों की याद नहीं आती है?
काफी सारे सवाल मन में हैं। मन हो रहा है पूछ लूँ, लेकिन थोड़ा अजीब लग रहा है क्या सोचेंगी आते- आते सवाल पूछने लगी और वो मुझे क्यों बतायेंगी। मैं तो एक अजनबी हूँ, यहाँ पर हर किसी के लिए। मैं तो अपनों को भी जल्दी अपनी बातें नहीं बताती हूँ, ये लोग कैसे बतायेंगी जो खुद ही धोखे की शिकार हैं।
पर और शुरू करें अपने ब्लॉगिंग का सफर