By Manish Yadav
Sep 23 2022
ताजमहल, जिसे 1632 में सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था, ताजमहल को शुरू में ‘रोज़ा-ए-मुनव्वर’ नाम दिया गया था, जिसका अर्थ है अनोखी इमारत।
ताजमहल 1632 में शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। इसे शुरू में ‘रोजा-ए-मुनव्वर’ नाम दिया गया था बाद में ताजमहल नाम रखा गया।
कुल 40 हज़ार मजदूरों और कारीगरों ने बीस वर्षों तक लगातार इस पर काम किया, जो अब दुनिया के सात अजूबों में से एक के रूप में जानी जाती है और दुनिया के हर प्यार करने वाले जोड़े के लिए एक सपना है।
मुमताज की मौत पर शाहजहां इतना व्याकुल था कि उसने एक हफ्ते के लिए खुद को एक कमरे में कैद कर लिया और जब वह कमरे से बाहर आया तो उसके सारे बाल सफेद हो चुके थे।
ताज को उस्ताद अहमद लाहौरी और उस्ताद अब्दुल करीम द्वारा डिजाइन किया गया था, जिसे शाहजहां ने मंजूरी दी थी।
ताजमहल को 1983 में विश्व धरोहर भवन घोषित किया गया था। 1960 के दशक तक ताजमहल 24 घंटे खुला रहता था और स्मारक के लिए कोई टिकट नहीं था
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