By Shrsti Tiwari
June 28 2022
अबॉर्शन! एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गर्भवती महिला अपनी इच्छा से गर्भपात करवा सकती है। गर्भपात एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें गर्भवती के गर्भाशय से भ्रूण को हटा दिया जाता है लेकिन इसके कुछ कानूनी प्रावधान हैं
भारत में 1964 के समय बहुत सारे ऐसे मामलो आए, गर्भवती महिलाओं के मरने का प्रतिशत बहुत ज़्यादा था और 1971 तक भारत में अबॉर्शन सिर्फ तभी वैध था, जब मां की जान बचाने की बात हो।
25 अगस्त 1964 में केंद्रीय परिवार नियोजन बोर्ड ने सिफारिश की जिसके बाद इस पर कानून बनाया गया इसपर विचार करने के बाद 1971 में मेडिकल ट्रमिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट पारित किया गया।
साल 2021 में इसमें संशोधन करके 24 सप्ताह तक की समय अवधि को रखा गया अब इसमें अविवाहित महिलाओं को भी शामिल किया गया है।
– जब मां की जान को खतरा हो। – जब गर्भावस्था मानसिक रूप से पीड़ित महिला के साथ रेप या किसी और वजह से हो। – जब बच्चे में बीमारियों का जोखिम हो।
8 से 12 हफ्ते तक था अब लेकिन संशोधन के बाद ये अवधी 20 सप्ताह हो गई है लेकिन 12 से 20 हफ्तों का है तो दो चिकित्सकों की अनुमति ज़रूरी होती है।
पर और शुरू करें अपने ब्लॉगिंग का सफर