Malabika Dhar
15 September, 2023
हम सभी ने अंग्रेजी साहित्य में कई महिला लेखिकाओं को पढ़ी हैं। लेकिन हिंदी साहित्य में भी ऐसी लेखिकाएं हैं जिन्होंने अपनी सशक्त कलम से हिंदी साहित्य को आकार दिया।
महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा एक प्रसिद्ध हिंदी कवयित्री, लेखिका, निबंधकार, महिला अधिकार कार्यकर्ता, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद् थीं जो हिंदी साहित्य जगत में एक प्रमुख स्थान रखती हैं। इलाहाबाद शहर के पास फरुखाबाद में एक अपेक्षाकृत उदार परिवार में जन्मी महादेवी की माँ ने उन्हें हिंदी और संस्कृत में लिखने के लिए प्रेरित किया। उन्हें हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माना जाता है। उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी संबोधित किया गया है।
कृष्णा सोबती
महिला कथा लेखिकाओं में कृष्णा सोबती का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने न केवल कहानी और उपन्यास लेखिका के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की, बल्कि अन्य गद्यात्मक विधाओं पर भी सफलतापूर्वक लेखनी की। कृष्णा सोबती ने मजबूत, साहसी चरित्रों का निर्माण और लेखन की नई शैलियों के साथ प्रयोग करके हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। अब पाकिस्तान के गुजरात प्रांत में जन्मे सोबती के लेखन में हिंदी, उर्दू और पंजाबी का प्रभाव देखा जा सकता है।
उन्होंने दो प्रसिद्ध मध्ययुगीन कवियों मीराबाई और सूरदास की धार्मिक हिंदी कविताओं का अनुवाद किया। उनकी कहानियाँ महिलाओं के जीवन की जटिलताओं को संबोधित करती हैं, विशेषकर उन महिलाओं के जीवन की जिनसे पारंपरिक समाज निश्चल सेवा और आज्ञाकारिता की अपेक्षा करता है।
उषा प्रियंवदा
प्रमुख हिंदी महिला लेखिकाओं में से एक और संवाद लेखिका एवं कहानीकार मन्नू भंडारी ने हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके दो हिंदी उपन्यास, आपका बंटी और महाभोज, उनकी उत्कृष्ट कृतियाँ मानी जाती हैं। महाभोज को बाद में एक नाटक का रूप दिया गया और पूरे देश में प्रदर्शित किया गया।
मन्नू भंडारी
कुमाऊँनी परिवार में जन्मी, उनका पैतृक घर अल्मोडा में है, वह अपने कार्यों में हिमालय की एक ज्वलंत तस्वीर पेश करती हैं। वह अपने महिला-केंद्रित कथा लेखन के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसने परंपरा-बद्ध, पुरुष-प्रधान समाज में महिलाओं के व्यक्तित्व और जीवन का सवाल उठाया।
शिवानी (गौरा पंत)