Abortion से जुड़ी वो  5 बातें जो पूरी तरह गलत है

Malabika Dhar

22 August, 2023

Abortion करवाना गैर क़ानूनी है

बिल्कुल नहीं। भारत में, अलग-अलग परिस्थितियों में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 के तहत 12-20 या 24 सप्ताह तक की गर्भावस्था में गर्भसमापन की अनुमति है|

गर्भधारण एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत होती है

वैज्ञानिक तौर पर ऐसा नहीं है। असल में जीवन के शुरू होने के सही पल के बारे में कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है| यह आपके धार्मिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर निर्भर करता है कि आप क्या मानते हैं।

Abortion के दौरान भ्रूण में दर्द महसूस होता है

यह सच नहीं है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भ्रूण में आखिरी तिमाही तक दर्द जैसी कोई संवेदना होती ही नहीं। भ्रूण के तंत्रिका तंत्र का गर्भावस्था के दौरान इतना विकास नहीं होता कि उसमें दर्द जैसी कोई संवेदना हो। 

Abortion घर में आसानी से संभव है

ऐसा बिल्कुल नहीं है। आप चाहे कोई भी कहानी सुने हो, वो सही नहीं हैं। उनसे आपके शरीर को नुक्सान पहुंचेगा। गर्भपात करने का सही तरीका केवल शल्य चिकित्सा ही है और सभी मापदंडों के बारे में पहले डॉक्टर से सलाह करना ज़रूरी है।

गर्भसमापन बाँझपन की वजह बन सकता है

एक से अधिक बार भी गर्भपात या abortion करवाया गया हो तो आपके आगे की स्वस्थ गर्भावस्था पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा या प्रेग्नन्ट होने में दिक्कत नहीं होगी। लेकिन abortion और असुरक्षित abortion दोनों के ही अपने खतरे हैं, जिनसे इनकार नहीं किया जा सकता। 

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