UPSC की तैयारी करते हुए कैसे रखें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल 

By Sparsh Choudhary 

June 12, 2023

UPSC की तैयारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। इस दौरान गुस्सा और चिड़चिड़ापन होना आम  है लेकिन इसके अलावा पैनिक अटैक्स और एंग्जायटी डिसऑर्डर्स भी एस्पिरेंट्स में देखे जाते हैं।

पुरानी असफलताओं, रोज़गार की चिंता, समाज और लोगों के तानों का डर हो या फिर मूड की अस्थिरता, UPSC परीक्षा को ही ज़िन्दगी का सब कुछ बना लिया जाता है। मॉक टेस्ट्स के परफॉर्मन्स से खुद के मूड को जोड़ लेना प्रोडक्टिविटी को प्रभावित करते हैं।

UPSC की परीक्षा से पहले क्या करें

तैयारी से पहले एस्पिरेंट्स को अपने सारे ऑप्शंस, संसाधनों और परीक्षा के बारे में पूरी जानकारी के साथ अपनी मानसिक मज़बूती का आंकलन करना चाहिए। अगर मानसिक शान्ति और आत्मविश्वास के लिए आपका आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना ज़रूरी है, तो उसके ऑप्शंस पर विचार करें।

हर अटेंप्ट के कुछ वक़्त पहले भी यह असेसमेंट करना चाहिए ताकि परीक्षा हॉल में आपकी मन की स्थिति एकदम मज़बूत हो चाहे एग्जाम और परिणाम की अनिश्चितताएं कैसी भी हों।

परिणाम की चिंता न करें 

बड़े लक्ष्य के दबाव की बजाय दिन, सप्ताह या माह के आधार पर निश्चित किये गए छोटे-छोटे लक्ष्य रखें और उनको पूरा करने के लिए खुद को ज़रूर रिवार्ड करें। 

बड़े नहीं छोटे-छोटे लक्ष्य बनाए

अपनी हॉबीस को जिंदा रखें

अपनी हॉबीज़ , अपने हैप्पी ज़ोन्स को ज़िंदा रखना ज़रूरी है।  समय-समय पर ब्रेक लें। खुद को खुश रखने के लिए जो तरीके संभव लगे, वो ज़रूर करें। 

काउंसलिंग की मदद लें

एस्पिरेंट्स के अनुभव बताते हैं कि माता-पिता और छात्रों दोनों को ही काउंसलिंग की जरूरत होती है। मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियां परिवार के साथ के बावजूद उनकी समझ के परे होते हैं। इसलिए विशेषज्ञ का परामर्श और थेरेपी की मदद बिना हिचकिचाहट लें।

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हमारे देश में यूपीएससी को लेकर जिस किस्म की ग्लोरिफिकेशन है, उस वजह से युवाओं और उनके परिवारों को लगता है कि यही एक सफलता का पैमाना है जबकि किसी भी देश में देश-समाज और व्यक्तिगत उन्नति के लिए कई तरीके हो सकते हैं।

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