हिन्दी में PhD यानि डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी 3 साल का एक रिसर्च बेस्ड कोर्स है, जिसमें हिन्दी भाषा, इसके साहित्य और इतिहास के बारे में पढ़ाया जाता है।
हिन्दी में PhD करने के लिए हिन्दी से संबंधित विषयों में मास्टर्स या एम. फिल. की डिग्री चाहिए होती है साथ ही मास्टर्स में 55% (आरक्षित वर्ग को 5% की छूट) अंक होने चाहिए।
PhD में दाखिला पाने के लिए यूजीसी द्वारा NET आयोजित किया जाता है। इसके साथ ही अलग-अलग विषविद्यालयों के एंट्रेंस एग्ज़ाम भी होते हैं। एग्ज़ाम के अंकों और उसके बाद साक्षात्कार के आधार पर अड्मिशन होता है।
हिन्दी में PhD यानि डॉक्टरेट करमे के लिए 3-5 साल की अवधि लगती है, जिसके बाद शैक्षणिक संस्थानों में प्रोफेसर, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट या अन्य सरकारी संस्थानों में नौकरी मिलने की संभावना होती है।
हिन्दी में PhD दिल्ली यूनिवर्सिटी, JNU, BHU जैसे टॉप यूनिवर्सिटीज़ के साथ ही IGNOU से भी की जा सकती है।
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