हम बेटियां वरदान सी,
मानो तो सब कुछ
ना मानो तो कुछ नहीं,
पापा की राजकुमारी,
लगती हम सबको प्यारी,
जब जब जन्म लिया हमने,
अंधकार में ख़ुद को पाया हमने,
हर बाग बगीचा किया गुलज़ार हमने,
दुनिया में ख़ुद को कामयाब किया हमने,
नहीं रुकी हम किसी के डर से,
ना देखा पीछे मुड़कर हमने,
आगे बढ़ी और ऐसी बढ़ी,
छोड़ कर आई पीछे कहानियां हमने॥
यह कविता उत्तराखंड के बागेश्वर जिला स्थित गरुड़ ब्लॉक के चौरसो गांव से दिशा सखी मीनाक्षी ने चरखा फीचर्स के लिए लिखा है