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“संस्कार’

“संस्कार’

भद्रता, शालीनता,  संस्कार

और अच्छी सोच की तालीम

हमें अपने पूर्वजों औ

परिवारों से मिलती है

किताबों को लाख पीस कर

गले के नीचे उतार लेने से

हमें दिव्य ज्ञान की कुंजी

कथमपि नहीं मिलती है

गलत लिखना मर्यादा को लांघना

हमें शोभा नहीं देता

कहाँ कैसे लिखा जाये

उसे हम सोच लें पहले

छूटा वाण वापस नहीं आता !!

@परिमल

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