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वक्त की जरूरत है सौर ऊर्जा

हाइलाइट्स

– अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत में 2030 तक 450 गीगावॉट क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

– फोटोवोल्टिक तकनीक की मदद से बिजली सीधे सूर्य के प्रकाश से उत्पन्न होती है।

    विषुवत क्षेत्र के निकट होने के कारण भारत में सौर ऊर्जा की विशाल संभावनाएं है। भारत के भूमि क्षेत्र में प्रति वर्ष लगभग 5,000 ट्रिलियन किलोवाट घंटे ऊर्जा प्रवाहित होती है और अधिकांश भागों में प्रति दिन 4-7 किलोवाट घंटे प्रति वर्गमीटर ऊर्जा प्राप्त होती है। प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के कारण ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिकोण से, सौर ऊर्जा सभी स्रोतों में सर्वाधिक सुरक्षित है। अगर कुल सौर ऊर्जा के एक छोटे से हिस्से का उपयोग भी सौर फोटोवोल्टिक ऊर्जा के रूप में प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाये, तो कृत्रिम ऊर्जा स्रोतों पर हमारी निर्भरता काफी हद तक कम हो सकती है। इससे पूरे देश की बिजली आपूर्ति की ज़रूरतें पूरी हो सकती हैं। फलत: हमारे संसाधनों की बचत भी होगी. साथ ही, ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा देश आत्मनिर्भर हो जायेगा।

जानें की सौर ऊर्जा है क्या?

सामान्य भाषा में कहें, सौर से निकलने वाली प्रकाशीय ऊर्जा तथ ताप को जब विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है, तो वह सौर ऊर्जा कहलाता है भारत में सौर ऊर्जा हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा किया जाता है भारत की घनी आबादी और उच्च सौर आपूर्ति भारत के लिए सौर ऊर्जा को एक आदर्श ऊर्जा स्रोत बनाता है

सूर्य ताप को सौर ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए सौर पैनलों का उपयोग किया जाता है। एक सोलर पैनल में सिलिकॉन सेल लगे रहते हैं, जो एक मैजिक सेल का काम करते हैं जिसमें इलेक्ट्रॉन की मात्रा अधिक होती है जब इन प्लेटों पर सूर्य की किरणें पड़ती है, तो इसमें लगे हुए इलेक्ट्रॉन एक्टिव हो जाते हैं और सूर्य के ताप से और भी अधिक इलेक्ट्रॉन बनाना शुरू कर देते हैं फिर जब सोलर पैनलों में इलेक्ट्रॉन का अधिक प्रवाह बनने लगता है, तो इलेक्ट्रॉन के इस तेज प्रवाह से पैनल में करंट बन जाता है. जिसे इवर्टर के माध्यम से DC, AC में बदल दिया जाता है जब इन सौर पैनलों पर सूर्य की रोशनी पड़ती है, तो उन पैनलों का फोटोवोल्टिक प्रभाव सूर्य प्रकाश को विद्युत प्रवाह में परिवर्तित कर देता है, जिसे बाद में उपयोग करने के लिए सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है या बैटरी में संग्रहीत किया जा सकता है

सौर ऊर्जा के उपयोग के फायदे

वर्तमान समय में सौर ऊर्जा की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इसके कई कारण है-

* पर्यावरण के अनूकृल : सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा फायदा है कि यह पर्यावरण के पूर्णत: अनुकृल है। वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावस्वरूप पर्यावरणीय समस्याएं जिस तरह से बढ़ती जा रही हैं, उनसे निजात पाने में सौर ऊर्जा एक अहम भूमिका निभा सकता है। दरअसल, ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि का एक बड़ा कारण है- ग्रीन हाउस गैसों (CO2,CO3,सल्फर, मिथेन आदि) का उत्सर्जन, जिसका खतरा सौर ऊर्जा के उपयोग में नहीं रहता है।

* सस्ता और सुरक्षित : प्राकृतिक संसाधनों (कोयला, पानी, यूरेनियम आदि) से उत्पन्न बिजली का खर्च तुलनात्मक रूप से काफी मंहगा होता है। ऐसे में सौर ऊर्जा विद्युत इसका एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। यह हमारे बिजली के बिल को कम कर सकता है।

* दूरस्थ और पहाड़ी स्थानों के अनुकृल : पहाड़ी तथा दूर-दराज के इलाकों में जहां बिजली के केबल नहीं पहुंच पाये हैं या फिर अन्य तकनीकी कारणों से जिन इलाकों में बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पायी है, वहां सौर ऊर्जा के उपयोग से घर एवं कार्यालयों को रोशन किया जा सकता है। यह तकनीकी तथा आर्थिक रूप से बेहद सरल और सहज सुलभ है।

* कृषि कार्य में उपयोगी :  कृषि में सिंचाई के लिए और कृषि कार्यों में फेंसिंग के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा सौर ऊर्जा का उपयोग करके खेतों में सिंचाई के लिए मोटर पंप भी चलाये जा सकते हैं।

* खाना पकाने के लिए : आप खाना बनाने के लिए भी सौर ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं। सोलर ओवन और ग्रिल तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, खासकर कैंपिंग की दुनिया में। आप सोलर कुकर, सोलर कुक टॉप जैसे डिवाइस का उपयोग करके सौर ऊर्जा का उपयोग खाना बनाने के लिए कर सकते हैं।

* सैटेलाइट उपयोग : सौर ऊर्जा का एक और उपयोग सैटेलाइट तकनीक के साथ है। एक सैटेलाइट में बड़ी संख्या में सौर सेल जुड़े होते हैं। यह सौर सेल कम्युनिकेशन जैसे ऑनबोर्ड डिवाइस को बिजली देने के लिए बिजली उत्पन्न करते हैं। अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा के उपयोग के बिना, सैटेलाइट का बहुत कम उपयोग होगा और उनका लाइफ टाइम बहुत कम होगा।

* आउटडोर लाइटिंग : पब्लिक प्लेस को रोशन करने के लिए शहरों में सौर तकनीक का तेजी से उपयोग किया जा रहा है। कई सारे देशों में ट्रैफिक सिग्नल को भी सौर ऊर्जा की मदद से जलाया जा रहा है। यह काफी मात्रा में पैसों की बचत करता है।

* पोर्टेबल डिवाइस चार्जिंग : स्मार्टफोन/टैबलेट, रेडियो/स्पीकर, टॉर्च, कैलकुलेटर, कैम्पिंग लालटेन, सोलर फैन हैट और सोलर चार्जिंग बैकपैक इत्यादि को चार्ज करने के लिहाज से सौर ऊर्जा एक सुरक्षित विकल्प है।

देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदम

* वर्ष 2029-30 तक अक्षय ऊर्जा खरीद दायित्व (आरपीओ) के लिए ट्रेजेक्टरी की घोषणा,

* सौर फोटोवोल्टेक प्रणाली/उपकरण लगाने के लिए मानकों की अधिसूचना जारी,

* निवेशों को आकर्षित करने और सुविधाजनक बनाने के लिए परियोजना विकास ईकाई की स्थापना,

* ऑटोमेटिक रूट के अंतर्गत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)की अनुमति देना,

* 30 जून, 2025 तक चालू होने वाली परियोजनाओं के लिए सौर और पवन विद्युत की अंतर-राज्य बिक्री के लिए अंतर-राज्यीय प्रेषण प्रणाली (ISTS) शुल्कों को माफ करना,

* ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी और पवन परियोजनाओं से बिजली की खरीद के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के लिए मानक बोली दिशा निर्देश जारी करना,

* सरकार ने यह आदेश जारी किए हैं कि विद्युत की आपूर्ति साख पत्र (Letter of Credit–LC)या अग्रिम भुगतान के माध्यम से की जायेगी, ताकि वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा अक्षय ऊर्जा उत्पादकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हो सके।

* हरित ऊर्जा पहुंच नियमावली-2022 के जरिये अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की अधिसूचना जारी करना

* विद्युत (विलंब भुगतान अधिभार और संबंधित मामले) नियमावली (LPS नियमावली)” को अधिसूचित करना,

* एक्सचेंज के माध्यम से अक्षय ऊर्जा विद्युत की बिक्री को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से ग्रीन टर्म-अहेड मार्केट (GTAM) की शुरुआत करना.

सौर ऊर्जा के उपयोग के नुकसान

* मंहगे सौर पैनल : सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का उपयोग करना भले फ्री है, लेकिन उसके लिए सौर पैनल (Solar Panel) स्थापित करना पड़ता है, जो कि मंहगा होता है सौर पैनल जितना अधिक टिकाऊ और बेहतर होगा, उसके लिए उतने ही ज्यादा पैसे भी खर्च करने पड़ेंगे

* सूर्य किरण की सीमित उपलब्धता : सौर पैनल को बिजली उत्पन्न करने के लिए धूप चाहिए ये पैनल सूर्य किरणों को अवशोषित करके उसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं

* वायुमंडलीय स्थितियों का प्रभाव : सौर पैनलों को काम करने के लिए तेज धूप तथा अनुकूल वायुमंडलीय परिस्थितियों की जरूरत होती है क्लाउड कवर अथवा कोहरा भी सौर पैनल की कार्य दक्षता को प्रभावित कर सकते हैं प्रदूषित पर्यावरण का भी सौर पैनल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जबकि स्वच्छ एवं प्रदूषणरहित क्षेत्रों में सौर पैनल अधिक दक्षता के साथ कार्य करने में सक्षम होते हैं

* सौर सेल निर्माण का प्रदूषण : सौर सेल स्वयं तो प्रदूषण नहीं फैलाते, लेकिन उनके निर्माण की प्रक्रिया में वातावरण प्रदूषित होता है कारण, सौर सेल में सिलिकॉन होता है, जिसे ब्लास्ट भट्टी के कच्चे माल से निकाला जाता है इस प्रक्रिया में वातावरण में बड़ी मात्रा में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन होता है, जो कि पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदायक है

भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य

* उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण भारत के सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के दोहन की काफी संभावनाएं हैं।

* भारत के विभिन्न भागों में बड़े विद्युत उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक आगामी एक दशक में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के घरों की गोबर, जलाऊ लकड़ी आदि पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी।

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