“भारत को स्वर्ग बनाना है”
“भारत को स्वर्ग बनाना है”
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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निरंतर निंद्रा को
तोड़कर
जगाने की
कोशिश करता हूँ
शंख की आवाजों से
नित– दिन
सब को सचेत करता हूँ
कभी अपनी
कविताओं के
छंदों से सबका
जी बहलाता हूँ
उसके ही माध्यम से
लोगों को
अपनी बात बताता हूँ
पहले तो
प्रभातफेरियों में
सबका मिलन होता था
सबका उद्देश
और लक्ष्य
एक जैसा ही
हुआ करता था
जाति- धर्म ,भेद – भाव
असहिष्णुता
पहले भी कुछ थीं
पर इस तरह की हत्याएं
और बलात्कार
पहले नहीं थीं
मौलवी ,पादरी ,
पंडित और
ग्रन्थि को धर्म गुरु
मानते थे
मस्जिद ,चर्च ,
मंदिर और
गुरुद्वारा को
स्वर्ग जानते थे
धर्म के पर्दों के पीछे
घिनौना
खेल चल रहा है
नरिओं की रक्षाओं
के लिए
शायद कोई बढ़ रहा है
सत्ता ,शासक और लोग
सारे मिलकर जश्न मना रहे हैं
इस घृणित दृश्यों का
शान से
चलचित्र बना रहे हैं
जण जागृती ,प्रभातफेरी
करके
सबको झकझोरना होगा
शासक ,जनता को
ही मिलकर
भारत को स्वर्ग बनाना होगा !!
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत