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क्या खतरे में देश के बच्चों का भविष्य

भारत में पेपर लिंक एक ग्रसित बिमारी के तरह फैलती जा रहा है जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है । पिछले 5 सालों में लगभग 50 पेपर लीक के मामले सामने आए है लेकिन कार्यवाही के नाम पर कोई कदम उठाए नहीं गए । हमारे देश में पेपर लीक महेज मजाक बनकर रह गया है और इसकी गंभीरता कोई समझने की कोशिश नहीं कर रहा है । एक छात्र के ऊपर कितना दबाव होता है के परीक्षा समय उसकी मासिक स्थिती पर क्या प्रभावपढ़ता कोई सोच भी नहीं सकता है , छात्र पूरा साल लगता है परीक्षा को अच्छा मार्क से पास करने के लिए क्या उनके वक्त और महनता का कोई मोल नहीं है ये कहा तक सही है । 

इस साल सरकार ने पब्लिक एग्जामिनेशंस (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट लेकर आई जिससे पेपर लीक को बचाया जा सकें लेकिन हम क्या देखते है इस बिल को पास हुए दो ही दिन हुए थे फिर एक ओर मामला सामने आता है जो है उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2024 जिसमे गड़बड़ी सामने आई है ।  भारत में पेपर लिंक एक ग्रसित बिमारी के तरह फैलती जा रहा है जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है ।

 पिछले 5 सालों में लगभग 50 पेपर लीक के मामले सामने आए है लेकिन कार्यवाही के नाम पर कोई कदम उठाए नहीं गए । हमारे देश में पेपर लीक महेज मजाक बनकर रह गया है और इसकी गंभीरता कोई समझने की कोशिश नहीं कर रहा है । एक छात्र के ऊपर कितना दबाव होता है के परीक्षा समय उसकी मासिक स्थिती पर क्या प्रभाव पढ़ता कोई सोच भी नहीं सकता है , छात्र पूरा साल लगता है परीक्षा को अच्छा मार्क से पास करने के लिए क्या उनके वक्त और महनता का कोई मोल नहीं है ये कहा तक सही है । 

इस साल सरकार ने पब्लिक एग्जामिनेशंस (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट लेकर आई जिससे पेपर लीक को बचाया जा सकें लेकिन हम क्या देखते है इस बिल को पास हुए दो ही दिन हुए थे फिर एक ओर मामला सामने आता है जो है उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2024 जिसमे गड़बड़ी सामने आई है । 

अब बात करते नीट के धंधलीबाजी को लेकर जिसकी परीक्षा 4 जून  को थी  जिसमें कुछ चुनिदा बच्चो को परीक्षा देर से शुरू करने पर ग्रेस मार्क्स दिए जाते है 67 छात्रों की रैक 1 आती जिसमें उसका स्कोर रहता है 720/720 और पिछले साल की बात करी जाएं तो उसमें सिर्फ दो लोगों ने टॉप किया था और 2022 में भी 4 लोगों ने टॉप किया लेकिन किसी को भी फूल मार्क नहीं मिले थे जिसका 715 हाईएस्ट स्कोर माना गया था और अचानक से 67 छात्रों ने टॉप किया जो बहुत ही असामान्य दिखाई पढ़ती है । 

नटीए के दावों की बात करें तो उनके पहले दावे में कहा जाता है की इस साल का पेपर आसान था लेकिन जब छात्रों से बात की गई तो उनका कहना है की इस बार का पेपर बहुत ही मुश्किल था और फिर 2023 के मुकाबले छात्रों की परीक्षा देने की संख्या इस बार कहीं ज्यादा साबित हुई है  जो की 23, 33, 297 थी और इन दावों के बीच सबसे बड़ा दावा था ग्रेस मार्क्स देने का जो की इन 67 टॉप में से 44 स्टूडेंट्स ग्रेस मार्क्स दिए गए है  जिसका कारण समय बताया गया था।

 नटीए की धांधली साफ नजर आ रही है जो तमाम गड़बड़ से  भरा हुआ है और ग्रेस मार्क्स देने के लिए सुप्रीम कोर्ट की 2018 की एक निर्णय का सहारा लिया गया था और वो निर्णय कानून की परीक्षा को लेकर की गई थी न की मेडिकल की परीक्षा को लेकर नहीं था वही परीक्षा का समय बड़ा देना चाहिए था नटीए को बचाएं ग्रेस मार्क्स देने के और इसे लेकर देश भर में बवाल होता दिख रहा और ये छात्र के फ्यूचर  पर सवाल खड़ा कर देते है और कैसे विश्वास करें वो नटीए पर की परीक्षा ठीक से कराई जाएंगी और छात्र परीक्षा दोबारा से करने पर दबाव डाल रहे ताकि उन्हें न्याय मिल सके वही नाईटी के पेपर को भी स्थगित कर दिया जो की परीक्षा सहेयक प्रोफेसर बनने के लिए दी जाती है जिससे वह किसी भी  विश्वविद्यालय में पढ़ा सकें , लेकिन वह निशान से भरे होते है। छात्र दूर  का सफर तय करके परीक्षा सेंटर पहुंचते है और उन्हें पता लगाता की पेपर कॅन्सल कर दिया गया है अचानक से वो भी कहाँ तक सही है । छात्र ही देश का भविष्य है और इस पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि छात्रों का विश्वास बना रहे नटीए पर और परीक्षा सही ढंग से कराई जाए    

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