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काफिर फिल्म समीक्षा

काफिर एक ओटीटी वेब सिरीज है जिसके निर्देशक सोनम नायर है और इसके साथ ही फिल्म में मोहित रैना जो बहुत मशहूर कलाकार फिल्म जगह में इससे पहले मोहित रैना ने फ्रीलांसर सीरीज भी की थी जो दर्शकों बहुत पसंद आई थी और सीरीज में दिया मिरजा , दिशटी जैन जैसे छोटे कलकार भी दिखाई देंगें ।

फिल्म की शुरुआत पाकिस्तान एक छोटे से परिवार से शुरू होती है जो अपनी बेटी केनाज की शादी करते है लेकिन वह ज्यादा चलती नहीं क्योंकि उसके परिवार को एक लड़का चाहिए था जो कि वह नहीं दे पा रही थी और इसके चलते उसके पति रफीक ने दूसरी शादी कर ली और अपनी जिंदगी से बेदखल कर दिया गया था और फिर वह अपनी जिंदगी से हारकर आत्महत्या करने एक झील में कूद गई लेकिन उसे क्या पता वह झील से भारत ले आ गई बेहते – बेहते है जब वो गलती से भारत की सीमा पार कर वह के लोगों ने उसे आतंकवादी करार देते हुए 15 सालों के लिए उसे जेल में डाल दिया फिर वेदात की एंट्री होती जो पहले एक वकील था लेकिन अब पेशे से पत्रकार है वह एक ऐसी कहानी ढूढते ढूढते केनाज के पास पहुच गाय और उसे अपने देश वापिस भेजने में मदद भी करने लगा उसका कैस लढ़करजेल में उसके साथ बहुत बदसलूकी की जाती थी और उसे पाकिस्तान आतंकवाद बोला जाता था और फिर एक जैलर को उस पर तरस गया और उसके लिए खाना लाता था

उस हवलदार ने मौका देखकर उसका रैप किया जिससे उसकी एक बच्ची भी हुई थी जिसने उसे मां बनने की खुशी मिली थी और केनाज ने उसे अच्छे से पाला पोसा और जब वह केस जीत गई तब वह तो पाकिस्तान जा सकती थी लेकिन उसकी बेटी का जन्म भारतमें हुआ इसलिए उसे जाने नहीं दिया गया था और मुश्किलों का सामना करना पड़ा अपने देश जाने के लिए इस फिल्म में दिखाया है की कैसे निर्दोष इंसान को एक आतंकवादी करार दिया जाता क्योंकि वह सिर्फ पाकिस्तानी है इसलिए भारत में आज भी बहुत से ऐसे लोग है जो पाकिस्तान जाना जाता लेकिन जान नहीं पाता और वह मासूम निर्दोष है

कितने सालों से जेल में बंधी हैं, हमारे देश में केनाज जैसे बहुत से लोग जो गलती से भारत की सीमा पास कर लिए लेकिन अपने मुलक कभी वापस नहीं जा पाएं

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