यह जिंदगी है मेरी।
जो मिलती तो एक बार है।
मगर इसे पाने के लिए।
संघर्ष कई हजार हैं।।
कोई कहके बताता है।
कोई करके दिखाता है।
जो करके दिखाता है।
वही तो जिंदगी है।।
जीते आ रहे हैं।
जी भी रहे हैं सभी।
जियेंगे भी मरने तलक।
इस हद तक जो करके दिखाता है।
वही तो जिंदगी है।।
पल-पल से, पल- पल में, हर पल तक।
हर पल तक चलना ही जिंदगी है।
दुनिया में जो अपना नाम बनाता है।
आसमां को छूकर जो दिखाता है।
वही तो असल ज़िंदगी है।।
हां जी! वही तो जिंदगी है।।
यह कविता राजस्थान के जैसलमेर से दीपिका कुमारी बामणिया ने चरखा फीचर के लिए लिखा है