मैंने सोचा शिक्षित होना बेकार है,
जिंदगी ने बताया शिक्षा ही संसार है,
मैंने सोचा शिक्षा के बिना बढ़ना संभव है,
समय ने बताया बिना शिक्षा जीवन असंभव है,
क्योंकि जीवन का आधार ही है शिक्षा,
और खुशहाली का भंडार है शिक्षा,
मैंने सोचा शिक्षा बिना भी संसार है,
पर जिंदगी ने बताया शिक्षा से ही राह है,
अब जीवन व्यर्थ नहीं बनाना मुझको,
पढ़ लिख कर सभ्य बनना मुझको,
शिक्षा से देश को आगे बढ़ाना है,
और विकसित भारत बनाना है,
बहुत जरुरी होती है ये शिक्षा,
कई सोच को बदलती है शिक्षा,
समाज को नया आयाम देती है शिक्षा।
यह कविता कपकोट, उत्तराखंड से सपना ने चरखा फीचर के लिए लिखा है