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कविताएँ

[ ना जाने वह सुबह कब आएगी ] ज़्यादातर बच्चे दिखते हैं सड़क परभीख माँगतेकूड़ा, करकट, कचरा बिनते हुएउनका कोई घर नहीं होता बंधक गृह कब उनके घर जाते हैंवे स्वयं असफल नहीं होते यहाँ-वहां-कहीं भी बच्चे दिखे गए हैं बने हुएबच्चे लगे हुए हैं मेहनत कर रहे हैंअपनी उम्र से दुगना काम करने मेंउनकी उंगलियां खूनी रंग से निकलती हैंतो कभी दर्द से कराहती हैहम लाएँगे वह सुबह बच्चे ने ना छोड़ा हमें इस समस्या मेंउन बच्चों का भी इंतज़ार हैआनेवाले उस सुबह कीजिस दिन उन्हें बिना काम के रोटी मिल जाएबस्ते पर बस्ते, श्यामपट्ट पर नजर होस्कूल जाने का रास्ता हो… [यह भी जीवन] कठिन तो उनका जीवन जीना हैजिसमें दो चुभन की रोटी मयस्सर नहीं कठिन तो उनका जीवन जीना हैजहां तन पर मैले कपड़े ही सहीढलने को ना मिले. कठिन तो उनका जीवन जीना हैजीवन जीने की उम्र बाकी हो शेषलेकिन भूख ने बाकी दिनों को छोड़ दिया डिफॉल्ट लेने को तयोरियां चढ़ायी हो. कठिन तो उनका जीवन जीना हैअन्य तराश से हलक सूख जा रहा हो चापाकल रास्ते में खड़ा दिखता हो नदी, कुँओं में सुखाड़ हो।              [उम्मीद है] उस जगह पर कारीगरी पसरी थी सभी भूखों से लेकर पेट में सटाएक- दूसरे से थोड़ी दूर बैठे थे कुछ लोग सटका हुए पेट लेकर पासरे थे कुछ गमछे से सर के साथ अपनी उजली ​​उजली ​​नजर से गांव का रास्ता ताक रहे थे मैं भी उन सबके साथ मौजूद था व्यवसायिक उम्मीदों के मकान पर बिक्री इतनी भीड़ मेरी आँखों के दरवाज़े पर आसरा ताके मकान था उनकी सजल झलकती नजर में मुझे उम्मीद है कि और आसरा बन जाएगी भीड़ में गरीबी रेखाएक-एक मूंगफली की मोहताज थी मजदूरों की भीड़ कर्मचारियों के ना होने से सुन्न हाथ को भी बाकी जगह थी खूबसूरत महिलाओं के आँचल को चिपकाया ईश्वरीय मंत्र जाप कर रही थी बच्चा एक-एक निवाले को तड़प उठता हैबिना खाये चिकचिक कर रहे अपने में कुछ नवजात बच्चे भी हैं जिसमें दूध की बोतल भी शामिल नहीं है माँ के दूध भी नहीं मिल रहे वह भकार पार रो रहे हैंउन्हें क्या पता है माँ को बिना निवाला छतियों में दूध नहीं उतरता नवजात शिशु को मुँह में रखते हुए नींद के आगोश में कुछ देर कभी आंख मिचौली खिलाड़ी हैं. मेरी आँखों में तैर आये तीन चेहरे व्यवसाय व्यवसाय पेट पालतू पशु, कम अज कम दूनी रोटियाँ बुज़ुर्ग मुख, बुज़ुर्ग निवाले।एकता प्रकाश

Why I am talking about it?

मैं अपनी बात अपने इलेक्ट्रॉनिक्स के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचा सकता हूं। कविताएँ अभिव्यक्ति का सबसे बड़ा माध्यम हैं। आप अपने मन की सोच विचारों को अपनी लिखी हुई मॉडल के माध्यम से अभिव्यक्त कर सकते हैं। जो बहुत ही प्लास्टिक है। 

You should care because…

मैं अपनी बात अपनी कविताओं के जरिए ही लोगों तक पहुँचा सकती हूं। कविताएं अभिव्यक्ति का सबसे बड़ा माध्यम होती हैं। आप अपने मन की बातों सोच विचारों को अपनी लिखी कविताओं के जरिए अभिव्यक्त कर सकते है। जो बहुत प्रभावशाली भी होती है। 

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