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गांव की ये वादियां (कविता)

गांव की ये वादियां।

इसकी ये अदाएं।

पहाड़ों की रौनकें।

नदियों के किनारे।

रिमझिम सी बारिश।

अतरंगी मौसमें।

फूलों का खिलना।

पेड़ों से जो चली हवाएं।

झरनों की आवाज़।

गांव की कुछ अलग ही शान।।

हरियाली पेड़ पहाड़ों से है इनकी पहचान।।

चिड़ियों का चहचहाना।

गलियों में बच्चों का शोर।

हर आंगन खिल जाते हैं।

जब मचाते ये शोर।।

गांव की ये वादियां।

उसकी ये अदाएं।।

यह कविता उत्तराखंड के चोरसों से तानिया ने चरखा फीचर के लिए लिखा है

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