लोकसभा चुनाव की हलचल देश में तेज हो गई हैं और सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं । इस बारे के चुनाव से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि अब भारत को ताकतवर देश माना जाता है और इस बार के लोकसभा चुनाव 7 चरणों में किए जाएंगे और वही इस बार चुनाव अप्रैल के महीने से लेकर 4 जून इसके नतीजे आएंगे । इस बार के चुनाव में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे लिए गए है जैसे की पेपर लीक , एक राष्ट्र एक चुनाव , मुफ्त राशन मुफ्त डेटा जैसे बहुत सारी सिकमी लाई गई जिससे जनता को लुभाया जा सके.
क्या जनता समझती नहीं की इस बार की राजनीति कैसे हो रही है । कोई भी राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप – प्रत्यरोप लगाकर अपने आप को सही साबित करने में लगा हुआ है जिससे व जनता का विश्वास जीत सकें और उनको वोट दे , लेकिन जनता भी उन्ही को वोट देना पसंद करती हैं जो देश में विकास के कार्य ला सके । ये चुनाव संविधान को बचाने का चुनाव है बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को बचाना है । पास्ट में जितने भी प्रधानमंत्री बने उन्होंने कभी नहीं चाहे कि देश में तुष्टीकरण की राजनीति का सामना करना पढे इससे देश का विभाजन होता है
चुनाव आयोग द्वारा इस बार के चुनाव इतनी घनिष्ठ गर्मी में कराए जा रहे जिससे मतदान के दर में गिरावट देखी जा रही है । हाल ही में पहले चरण हुआ जिसकी निर्धारित तिथि 19 अप्रैल थी जिसमें 64 % मतदान किए गए थे और लोगों ने बढ़ – चढ़कर हिस्सा लिया था , लेकिन दूसरा चरण आते – आते लोगों का रवैया चुनाव को लेकर ढीला दिखता नज़र आ रहा है और एक वजह गर्मी भी हो सकती जिससे लोग बचना चाहते और घर से बाहर नहीं निकलना चाहते हैं ।
ऐसे चुनाव आयोग इसकी भी सुविधा के भरपूर इंतजाम किए है जिससे लोगों को असुविधा महसूस न करनी पड़े लेकिन फिर भी इसका प्रभाव दूसरे चरण में देखने को मिला है आपको बता दें 26 अप्रैल यानि की शुक्रवार को इसकी तिथि रखी गई थी और आम जनता मतदान करने के बजाय वह छुट्टी मनाने चल गए और मतदान करने में जरा सी भी रुचि नहीं दिखाई गई थी ।
भीषण गर्मी व लू के मद्देनजर सभी एंबुलेंस में एयर कंडीशन की क्रियाशीलता ऑक्सीजन व आवश्यक उपकरणों के उपलब्धता की समीक्षा कर सभी को तैयार रखने का निर्देश दिया गया है। अस्पतालों में समुचित प्रकाश, पंखा कूलर, शुद्ध पेयजल व अन्य सुविधा सुनिश्चित कराने की पहल की जा रही है। भीषण गर्मी व लू से बचाव को लेकर जिला स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने का निर्देश भी जारी पत्र में दिया गया है।
एक नागरिक के लिए मतदान करने एक जिम्मेदारी के साथ उनका हक भी है और लंबे चुनाव होने से खर्च भी ज्यादा होगा और यह जनता टैक्स का ही पैसा होता हैं जो चुनाव में ईवीएम मशीनों से लेकर पोलिंग बूथों पर लगाए जाते है । चुनाव आयोग का एकमात्र उद्देश्य मतदान को बढ़ाना है क्योंकि अगर मतदान कम होगा तो राशि ज्यादा बर्बाद हो जाती हैं इससे बचने के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा पोलिंग बूथ पर पहुंचकर अपना किमती वोट डालकर अपने नेता को चुनने का अधिकार दिया गया हैं इसे बर्बाद न करें ।