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क्यो करते हो नशा? (कविता)

क्यों करते हो नशा?

नशा है खराब बहुत।

क्यों नहीं छोड़ देते हो तुम।

बीड़ी, सिगरेट और शराब।।

करता है यह आंतो को खराब।

यह तुम्हारी जिंदगी को।

कर देती है पूरा बर्बाद।

पीते वक्त क्यों नहीं करते हो।

घर वालों को तुम याद।।

कितना सताते को उन्हें तुम पीकर।

इतना दुख होता है उन्हें।

सोचते हैं फिर क्या करे जीकर।

लेकिन तुम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

याद सिर्फ रहता है सेवन करना है नशे का।।

यह कविता उत्तराखंड के कन्यालीकोट से दीक्षा ने चरखा फीचर के लिए लिखा है

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