शक्ति ने शिव को गृहस्थ बनाया,
वैरागी शिव ने चंद्रघंट का रूप लिया।
शक्ति ने शिव के सम्मान में देह त्यागा,
शिव ने शक्ति के सम्मान में संसार छोड़ा।
शक्ति सती से पावती बनी,
शिव को शव से महादेव बनाया।
महाकाल ने अपनी महाकाली को पाया।
संसार के लिए शक्ति ने शिव पे पांव रखा,
परंतु शिव के लिए शक्ति ने उनके हृदय को स्पर्श किया।
शिव शक्ति पृथक नहीं अर्धनारीश्वर रूप है,
एक दूसरे से ही सम्पूर्ण है।
हर रूप में शिव शक्ति के साथ है,
उनके अटूट बंधन को याद करने,
शिव रात्रि मनाते हैं।
भक्ति, प्रेम, सम्मान समूह गूणओ में,
शिव शक्ति विराजमान हैं।