“ लेखनी बनाम तस्वीर ”
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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अक्सर शृंगारिक
रचनाओं में ,
मैं कोई सुंदर सी
तस्वीर लगा देता हूँ !
अपनी रचनाओं को
मैं अपनी ,
कलम की स्याही से
रंग भर देता हूँ !!
बैसे तो मैं किसी
कविता को ,
कोई मूर्त रूप दिये
अधूरा छोड़ता नहीं !
उसी के संदर्भ के
प्रतिकूल की ,
तस्वीर कोई भूलके भी
मैं जोड़ता नहीं !!
छाया छवि आकृति
और दृश्य,
की प्रस्तुति से ही
लेखनी सँवर जाती है !
लोग पढ़ना चाहें
या ना चाहें ,
तस्वीरें उनको
आकर्षक बना जाती है !!
लोग पढ़ें या
ना पढ़ें उनको ,
पर लाइक कमेन्ट
की बरसात होती है !
पता नहीं चलता
कि लोगों ने ,
लेखनी को सराहा या
चर्चा तस्वीर की होती है ?
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत