लड़कियों तुम्हें भी चलना पड़ेगा,
अफवाओं में, रुढ़ीवादी सोच में,
अंगारों पर, कांटों पर,
तुम्हें चलना ही होगा,
साथ मिलकर चलना होगा,
आज नहीं तो कल होगा,
मंजिल को पाना होगा,
साथ मिलाकर चलना होगा,
कुछ कर के दिखाना होगा,
अफवाहों को मिटाना होगा,
सबको साथ मिलाकर चलना होगा,
चट्टानों में, तूफानों में,
कच्चे रास्तों में, पत्थरों में,
गिर कर, फिर उठकर चलना होगा,
एक साथ मिलाकर चलना होगा।।
यह कविता उत्तराखंड के बागेश्वर जिला स्थित कपकोट ब्लॉक के अंसो गांव से वर्षा आर्या ने चरखा फीचर के लिए लिखा है. वर्षा वर्तमान में कक्षा 8 की छात्रा है और प्रोजेक्ट दिशा से जुड़ी हुई है