अनजान लोगों का दिया हुआ कुछ भी नही खाना चाहिए। यह बात अजय देवगन की फ़िल्म शैतान देखकर निकले दर्शक मज़े के साथ बोल रहे थे। निर्देशक विकास बहल की नई फ़िल्म शैतान केवल तीन लोगों की है। पहले हैं आर माधवन, जिनकी अदाकारी जानदार है। दूसरी हैं जानकी बोड़ीवाला, जो इस फ़िल्म में अजय देवगन की बेटी के रोल में हैं। यह फ़िल्म गुजराती फ़िल्म वश की रीमेक है। उस फ़िल्म में भी जानकी ने सेम किरदार निभाया था। अपने अभिनय से वे दर्शकों के दिल में बसने में कामयाब रही। तीसरे हैं फ़िल्म के असल कहानीकार कृष्णदेव याग्निक। वशीकरण पर इस तरह का लेखन और एक रात की कहानी को बेहद इंगेजिंग उन्होंने ही बनाया।
मेरे साथ फ़िल्म देख रहे एक दर्शक ने कहा कि यह फ़िल्म अजय देवगन की दृश्यम से मेल खाती है। उन्होंने आगे कहा कि इसमें भी साउथ की एक्ट्रेस को लिया है, ये भी एक पिता की कहानी जो परिवार के लिए किसी भी हद तक लड़ सकता है। मैंने कहा- नाइस ऑब्जरवेशन! ज्योतिका को एक हिंदी फ़िल्म में देखकर अच्छा लगा और अजय देवगन तो हैं ही बेहतरीन एक्टर।
फ़िल्म देखने जाएँ तो थोड़ा पहले जाएँ क्योंकि इसके टाइटल विसुअल्स और म्यूजिक को ज़रा भी मिस नही किया जा सकता। शैतान के थीम म्यूजिक को अमित त्रिवेदी ने तैयार किया है। फ़िल्म में कमी यही लगी कि इसमें ज्यादा गहराई नही है। फ़िल्म में आर माधवन एंट्री के बाद आर्या को अपने साथ ले जाना चाहते हैं। वह उसे अपने वश में करके बहुत सारी एक्टिविटीस करवाता है। आर माधवन की कोई बैक स्टोरी नही है और उसकी मंशा फ़िल्म के अंत में बताई जाती है। दिमाग तो यह भी सोचने लगता है कि आखिर ऐसा कौन सा जंगल है जहाँ सैकड़ों लड़कियां वश में आकर घूम रही हैं और किसी को पता ही नही। खैर ये हर हफ्ते रिलीज होने वाली फिल्मों से अलग है तो इस प्रयास के लिए सराहना देनी चाहिए। फिल्म के अधिकतर सीन एक ही लोकेशन में हैं इसके बावजूद यह दर्शकों को बांध के रखने में कामयाब होती है। आपको बतातें चलें कि इस फ़िल्म को कुमार मंगत पाठक और अजय देवगन के साथ ज्योतिका ने मिलकर प्रोडयुस किया है।