हम तुम Mukesh Kandpal 7 months ago बदल गया है अब इतिहास भी, सत्य भी मंजूर है अब समाज़ को बर्बादी भी, कुकृत्य भी कठपुतली बन चुके हैं हर एक यहाँ दिल भी, दिमाग़ भी देखते हैं एक ही नजर से अब तांडव भी, नृत्य भी