“अब कोई नया काम कर लें”
“अब कोई नया काम कर लें”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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बहुत हो गया है
आराम अपना
चलो उठके अब
कोई नया काम कर लें
सोने से अब
कुछ ना पाएंगे हम
चलो आगे बढ़
कोई नया नाम कर लें !!
अंधेरे में जो हैं
पड़े आज तक
शिक्षा की लौ को
जलाना पड़ेगा
अंधेरे में जो आज
भटके हुये हैं
मंज़िल उन्हें भी
दिखाना पड़ेगा
शिक्षा का दीपक
बुझने ना पाये
चलो उठके अब
इसका सौगंध खा लें
सोने से अब कुछ
ना पाएंगे हम
चलो आगे बढ़
कोई नया नाम कर लें
करें प्यार सबसे
मिलके रहें हम
नफरत कभी भी
ना आने पाये
सब धर्मों का
एक ही गुण हो
सब की पूजा
सब कोई कर पाये
मतभेद कभी भी
ना उपजे मन में
चल कर कुछ हम
अब कोई काम कर लें
सोने से अब कुछ
ना पाएंगे हम
चलो आगे बढ़
कोई नया नाम कर लें
युद्ध की विभीषिका
बढ़ने न दें
शांति से समृद्धि
गुण गाते जाएँ
विध्वंषक प्रवृतिओं
को रोक कर
एक स्वर्ग सा
धरती बनाते जाएँ
शांति के प्रयासों से
इस जग को
चलो स्वर्ग बनाने का
आज इंतजाम कर लें
सोने से अब कुछ
ना पाएंगे हम
चलो आगे बढ़
कोई नया नाम कर लें
बहुत हो गया है
आराम अपना
चलो उठके अब
कोई नया काम कर लें
सोने से अब कुछ
ना पाएंगे हम
चलो आगे बढ़
कोई नया नाम कर लें !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
12.03.2024