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10 साल तक पति के जुल्म सहने वाली रश्मी की कहानी सभी औरतों को सुननी चाहिए

रश्मी आनंद एक ऐसा नाम है जो आज सभी औरतों की मिसाल हैं। सभी को इनसे कुछ सीखने की जरूरत है। आज के दिनों में रश्मी को कई सारे अवार्ड्स से नवाजा गया है। मगर इससे पीछे की कहानी बेहद संघर्ष से भरी हुई है। रश्मी ने जो अपने जीवन में बहुत कुछ झेला है जिससे आज हमें कुछ सीखने की जरूरत है। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको रश्मी आनंद की कहानी बताते हैं। यकीनन इसे जानकर आपकी भी रूह कंपाने लग जायेगी। तो आइए जानते हैं।

परिचय

रश्मी आनंद का जन्म कोलकाता में हुआ। फिलहाल वह दिल्ली में रहती हैं और आज वह एक लेखिका, सलाहकार, सामाजिक कार्यकर्ता और परामर्शदाता हैं। रश्मी का बचपन बहुत अच्छे से बिता। मगर जो सपना सभी लड़कियों का होता है शादी के बाद अपनी एक खूबसूरत दुनिया बनाना। इसमें रश्मी कामयाब नहीं हो सकी। शादी के बाद रश्मी को घरेलू हिंसा जैसी समस्या का सामना करना पड़ता था। इतना ही नहीं, हिंसा जैसी कुरीति को रश्मी ने दश सालों तक झेला है। रश्मी के साथ इतना गलत व्यवहार होता था कि उनकी शरीर के कई अंग टूटे हुए हैं। इसके अलावा वह अधिक समय तक अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पाती हैं।

बेटे को लगने लगा सदमा

शादी के बाद रश्मी की जिंदगी तबाह हो गई। जहां वह अपने मायके में एक कप तक नहीं उठाया करती थी, वहीं उन्हें अपने ससुराल में कई बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उन्हें अपने पति के द्वारा खुद प्रताड़ित किया जाता था। हालांकि जब पहली बार ऐसा होता तो उनके पति ने माफी भी मांगी। मगर इसके बाद ऐसी हरकतें बढ़ती गई।

रश्मी जब पहली बार मां बनने वाली थी जब उन्हें सीढ़ियों से धक्का दे दिया गया। इसके कारण उनकी बेटी प्री मैच्योर ही जन्म ली। इतना ही नहीं, इसके बाद भी उन्हें हर बात पर मारा पीटा जाता था। ये बात धीरे-धीरे बढ़ती गई। इस समय उन्हें अपने पिता और भाई से भी कोई सपोर्ट नहीं मिला। इसके बाद रश्मी ने अपने बेटे को भी जन्म दिया। समय बीतता चला गया, मगर रश्मी के पति की आदत नहीं बदली। दिन पर दिन हिंसा बढ़ती चली जा रही थी। इसे देखते हुए रश्मी का 5 साल का बेटा सदमा में आ गया। वह कुछ बोलता ही नहीं था। इसके कारण उसका इलाज भी करवाया गया। मगर घर में हिंसा कम नहीं हो रहा था।

पिता ने रखने से किया साफ इंकार

सभी लड़कियों के एक सहारा उनके माता-पिता होते हैं। मगर रश्मी के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं था। रश्मि कई बार अपने बच्चों के साथ अपने माता-पिता के घर जाया करती थी। मगर उन्हें कहीं से भी सहारा नहीं मिलता था। उस वक्त उनके पिता और भाई का कहना होता था कि तुम्हारे लिए इस घर में बिल्कुल जगह नहीं है, तुम अपने ससुराल वापस लौट जाओ। इसके बाद रश्मी के पति को भी लगने लगा कि रश्मी के पास किसी भी तरह का सपोर्ट नहीं है। वहीं इससे रश्मी पर जुल्म बढ़ता चला गया। अब रश्मी ने सोचा की ऐसी स्थिति में उनके दोनों बच्चों का भविष्य बिगड़ जायेगा। इसलिए अब यहां से निकलना है।

10 साल बाद घर छोड़कर निकली रश्मी

अब बात काफी आगे बढ़ चुकी थी। जुल्म दिन पर दिन बढ़ रहा था। इसके बहुत गलत प्रभाव रश्मी के बच्चों पर पड़ रहा था। अब रश्मी सोची कि वह निकल जाती हैं। इसमें सबसे अच्छी बात ये थी कि दिल्ली में उनका दूसरा घर एक था। जिसे रश्मी अपने पैसों से जोड़ी थी। वह शादी से पहले काफी फ्रीलांसिंग किया करती थी। इससे उन्हें जो पैसे मिलते थे वह अपने घर में लगाया करती थी। इसलिए रश्मी ने फैसला किया कि वह घर छोड़कर निकल जायेगी और ऐसा हुआ भी वह अपने दोनों बच्चों को लेकर निकल गई।

पति ने दिया धमकी

घर छोड़कर निकलने के बाद भी रश्मी के लिए जीना आसान नहीं था। कुछ दिनों तक पिता के घर पर रहने के बाद वह अपने दिल्ली वाले घर पर रहने चली गई। अब तक उनके पति को पता चल चुका था कि अब रश्मी लौट कर नहीं आयेगी। इसके लिए वह हमेशा रश्मी के घर के नीचे रहता था और उन्हें धमकी देता था कि उनपर एसिड अटैक कर देगा। मगर वह नहीं घबराई और वह आगे बढ़ती चली गई।

पहली किताब हुई पब्लिश

धीरे-धीरे सारी चीजें रश्मी के जीवन में सुधरती चली गई। रश्मी को उनके बच्चों के स्कूल से भी फ्री एजुकेशन का सपोर्ट मिला। वहीं 2006 में उनकी एक किताब पब्लिश हुई जिसका नाम “विमेन ऑफ द एलिमेंट” है। इस किताब से रश्मी को काफी नाम मिला और वह आगे बढ़ती गई। इसके बाद 2009 में उन्हें दिल्ली पुलिस ने बुलाया और काउंसिल विमेन सेल एक काउंसलर के तौर पर काम करने का मौका दिया। इसके बाद नानकपुरा थाने में रश्मी घरेलू हिंसा से पीड़िता महिलाओं का काउंसलिंग करती थी। आज के समय में रश्मी विमेन ऑफ द एलिमेंट नाम का एक संस्था चलाती हैं जहां कई सारी महिलाएं जो घरेलू हिंसा से लड़ी हुई है वह रहती है। इसके बाद रश्मी ने समाज के लिए बहुत सारे काम किए। इसके लिए उन्हें कई सारे बड़े अवॉर्ड्स से भी नवाजा गया।

इसमें भारत के राष्ट्रपति के द्वारा उन्हें नारी शक्ति अवार्ड मिला। इसके बाद नीरजा भनोट पुरस्कार, कर्मवीर ज्योति, इंडियन विमेन अचीवर अवार्ड आदि से सम्मानित किया गया। अगर आप रश्मी आनंद की कहानी खुद उनसे सुनना चाहते हैं तो जोश टॉक्स को विजिट करें। इसके अलावा आप नीचे दिए गए लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं।

टॉक सुनें: इसे हर लड़की को जरूर देखनी चाहिए

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