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सपनों की इजाज़त (कविता)

छोटी सी जिंदगी है मेरी भी।

जीने की इजाजत चाहती हूं।।

प्यारी सी मुस्कुराहट है मेरी भी।

मुस्कुराने की इजाजत चाहती हूं।

छोटे छोटे सपने हैं मेरे भी।

उन्हें पूरा करना चाहती हूं।

छोटी सी जिंदगी है मेरी भी।

जीने की इजाजत चाहती हूं।।

मैं बेटी हूं, बेटा नहीं।

बेटी बनकर जीना चाहती हूं।।

सपना मेरा भी है शिक्षित होने का।

बस पढ़ने की इजाजत चाहती हूं।।

मन मेरा भी है दुनिया देखने का।

इन दीवारों से बाहर निकलना चाहती हूं।

छोटी सी जिंदगी है मेरी भी।

जीने की इजाजत चाहती हूं।।

यह कविता उत्तराखंड के गरुड़ स्थित सुमित्रानंदन पंत महाविद्यालय की छात्रा पिंकी अरमोली ने चरखा फीचर के लिए लिखा है

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