कहने के लिए हम आपके फेस बूक मित्र बन गए ! कोई बातें ना हुईं कोई विचारों का आदान – प्रदान ना हुआ ! लगे अपने राजनीतिक विचारों के प्रमोशन करने ! आज कल हम मानते हैं कि प्रमोशन का ही जमाना है ! अपने फिल्मों का प्रमोशन ,अपनी गायकी का प्रमोशन , अपने कलाकारी ,कविता ,पुस्तक का विमोचन इत्यादि आवश्यक है परंतु पहले तो हम जरा उनसे जुड़ तो लें जिन्हें हमने अपना मित्र बनाया है !
प्रमोशन के स्थानों का निरधाण किया जाता है ! आज कल कपिल शर्मा के कोमेडी में प्रमोशन का बाजार गर्म है ! हम मानते हैं कि हमारी पहुँच वहाँ तक सात जन्मों तक नहीं हो सकती है ! हमारी पहुँच फ़ेस बूक के पन्नों तक सीमित है ! प्रमोशन का यह रंग मंच मानो बन गया हमलोगों के लिए तो आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए !
परंतु हम आज मित्र बने और पूर्णतः जुड़ भी ना सके और लग गए अपने प्रमोशन में ! भूलकर भी हम उनको पत्र लिखें तो कहाँ लिखें ? टाइम लाइन पर हम लिख नहीं सकते ! बहुत लोग नाराज हो जाते हैं ! मेस्सेंजेर पर लिखें तो एक जमाना गुजर जाता है ! बिरले ही कोई उसे पढ़ता है ! मेस्सेंजेर में घुसने का समय किसे है ? और भूल के यदि वो देख लेंगे तो शायद ही कोई जवाब देता हो !
वे तो कभी अपना अंगूठा दिखा देंगे ,कभी तालियों के फोटो भर देंगे , HI ,HELLO से सम्बोधन करेंगे और कोई -कोई तो मेस्सेंगर से विडियो कॉल करेंगे ! हम किस अवस्था हैं ,आप किस अवस्था में हैं इसका अंदाजा हमें नहीं होता ,चले हैं विडियो कॉल करने ? और तो और आप लाख पत्र हमारे मेस्सेंगर पर लिखें पर लाखों में किसी एक का ही जवाब आएगा !
हम डिजिटल मित्रता का बैनर लिए घूमते हैं पर हम दिल से तो जुड़ना ही नहीं चाहते ! हमें तो कोई हमारे टाइम लाइन पर लिखता है तो हमें स्वीकार है ! पढ़ेंगे और जवाब देकर उसे डिलीट कर देंगे पर अपनी बातें लोगों की हमको स्वीकार है ! यदि मांगी -चांगी पोस्टों को टाइम लाइन पर पोस्ट करेंगे तो इसे अशिष्टता मानी जाएगी !
अधिकांशतः हम एक दूसरे को जानते नहीं ! उसका एक मात्र कारण हम एक दूसरे से जुड़ना नहीं चाहते ! प्रोफ़ाइलों में पारदर्शिता का आभाव झलकता है ! रहते दिल्ली तो लिखते झूमरी तिलइया ! आज कल मित्रता बना लेते हैं पर जबतक हम दिल से नहीं जुड़ेंगे तब तक हमारा प्रमोशन आप पर प्रहार करता रहेगा और हम अपने पाले बदलते रहेंगे !!