जब कोई व्यक्ति कम उम्र में अपनी अनुकूलता को करता है और स्वयं पर विशेष ध्यान नहीं देता है तो अपने परिवार पर अधिक ध्यान देता है। केवल युवाओं के कार्यकर्ताओं को अपना कर्तव्य सौंपा गया है। और समय कहने पर वह स्वयं के पास कुछ नहीं बचाता न तो समय न अवसर, बचाता है तो केवल पचतावा की बातों के बारे में विचार के साथ-साथ स्वयं के बारे में भी सोचा जाता है। और व्यक्ति धीरे-धीरे अनुकूलता के विरुद्ध हो जाता है। इसलिए समय रहते स्वयं के ऊपर ध्यान दे, औरों के साथ स्वयं को भी समय दे