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क्या दिखावे की ज़िंदगी  जी रहे  आज कल के युवा?

क्या हम सोशल मीडिया पर इतने मशरूफ होते जा रहे  की खुद को ही भूल गए  है ? हाल ही में नेटफ्लिक्स पर आई फिल्म खो गए हम कहा जिसके निर्देशक अर्जुन वरैन सिंह इससे पहले गुल्ली बोये डिवाइन गांधी मनी जैसी फिल्म भी बना चूके है ।  इस फिल्म की लेखक जोया अख्तर, रीमा कागती  द्वारा लिखित ये हर फिल्म के साथ एक नई सोच लेकर आते  जिससे लोग प्रभावित हो सके । इस फिल्म की कहानी  में आज कल के यूथ या  जैन -जी  जनरेशन  भी  कहा  जा सकता है  उनकी जिंदगी कैसे होती  किन चीजों से  आसानी से प्रभावित हो जाता  है , इस फिल्म के कलाकारों की बात की जाए मुख्य तौर पर सिद्धांत चतुर्वेदी, अनन्या पांडे और आदर्श  है ,  कहानी  में तीन दोस्त  है,  जो  इस चीज पर ज्यादा ध्यान देते है की लोग उनके बारे में क्या सोचते है उनको सोशल मीडिया पर  कुछ भी पोस्ट करनेकितने लाइक और कमेंट किए जाता है और वह कितनी झूठी  जिंदगी जी रहे है ।

 अगर हमें  इंस्टाग्राम पर  कुछ लाखों फोलौर बढ़ जाते हम खुश हो जाते है क्या हम सच में खुश होते है या सिर्फ अपने चुनिंदा फैलर्स को खुश करने में ही लग जाते है जिने हम जानते तक नहीं है , कहानी में अनन्या पांडे एमबीए पास किया और बहुत अच्छी जगह नौकरी कर रही लेकिन उसके काम करीडट कोई और ही ले जाता है , वही   अनन्या पांडे  का अपने बयफेनड के साथ बैक अप हो जाता और व उसके गम में रोती रहती है  और  सोशल मीडिया पर झूठी जिंदगी दिखाती है की व ब्रेकअप के बाद खुश है आज कल की बात करें तो सोशल मीडिया के जरिए दिखाना की व कितनी खुश है क्या लोगों को प्रभावित करके क्या हम सच में खुश रह सकते क्योंकि  उसे सिर्फ दिखावे भरी  जिंदगी कहेंगे और कुछ भी नहीं , जिंदगी जीने का असल मतलब भूल गए है वही  सिद्धांत चतुवेर्दी एक सटेड एप कोमिक का रोल निभा रहे है जो लोगोंकी जिंदगी में क्या कमी है उसे जोक बना देते है लेकिन क्या हम सब ने खुद के  का सामना किया भी है बस दूसरों की जिंदगी में क्या हो रहा है उसेकमेंट करके झूज करके चले जाते लेकिन जो उस चीज से गुजर रहा क्या किसी ने उसके बारे में जरा भी ध्यान दिया है । 

 सोशल मीडिया पर लाखों फलोरस हो लेकिन असल जिंदगी में तो हम अकेले ही है सिद्धांत चतुर्वेदी का नाम फिल्म में इमाद है व भी इतनी भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल में खुद को भूल और किसी से भी   भावनात्मक रूप से जुड़ा  नहीं पाता है जिससे व डेटिंग एप  पर 1-2 दिन ही एक लडकी के साथ रहता क्योंकि वह किसी के साथ सीरीज रिलेशनशिप में नहीं रह पाता क्योकि पहले उसके साथ कुछ हुआ होता है जिसे व भूल नही पाता है ,  वही तीसरा दोस्त  नील है जो एक जिम टेनर है जिसको लोग अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे थे और उसका सपना था कि खुद का जिम स्टूडियो खोले और कितने लोगें उसका फायदा उठा रहे है उन्हें उसकी एहमीत पत चल सकें । इस जैन -जी वाली दुनिया में बसलोग यही देखते है की मलाइका या किसी और एक्ट्रेस ने जिम मे क्या पहना और इन इन फुलेरा से प्रभावित हो जाता है कि जो वो दिखा रहे लोगों को वही करेंगे चाहे व सही है या गलत को  ही भूलते जा रहे है और लोगों की वैलिडेशन का ही इंतजार करते रहते है की कोई आकर बोलेग  की तुम कुछ कर सकते हो अभी तुम मानोगे वरना आत्म संदेह में ही जीते जा रहे है और सोशल मीडिया पूरी तरह हमारी जिंदगी पर अपना काबू कर रखा है । ये सोशल मीडिया की लाइफ बहुत फेक है क्योंकि हम ज्यादातर दुसरों की जिंन्दगी में क्या चल रहा है वो कैसे जिंदगी में खुश है इसे देखते रहते और खुद को खो देते है ।

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