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हिंदी कविता: मेरा सपना

मेरा सपना गायक मुझको है बनना।

दो चार सुर मुझे भी सिखा दो ना।।

सिंगिंग क्लास उपलब्ध नहीं है।

कोई सिंगिंग टीचर ला दो ना।।

बन जाउंगी एक दिन मै भी सिंगर।

कोई सिंगिंग क्लास लगवा दो ना।

न वाहन, न नेटवर्क की सुविधा है।

कैसे मैं आगे बढ़ सकती हूं।

यही मेरी एक दुविधा है।।

संगीत से है मुझ को बहुत प्यार।

कोई हमे भी सुविधा दिला दो ना।।

अपनों के लिए मैंने सपना को छोड़ा।

मगर कोई अस्तित्व नही इसके बिना।।

एक सपना ही तो है, जो आगे बढ़ाता है।

मंज़िल तक पहुंचने की राह दिखाता है।

मुझको भी एक राह दिखा दो ना।

दो चार सुर मुझे भी सिखा दो ना।।

यह कविता उत्तराखंड के बागेश्वर जिला स्थित कपकोट ब्लॉक के कन्यालीकोट से सुनीता जोशी ने चरखा फीचर के लिए लिखा है. सुनीता वर्तमान में 11 वीं कक्षा की छात्रा है

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