भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जहां आबादी में युवाओं की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। लेकिन जब राजनीति के विषय में सोचता हूँ तो सबसे पहले युवा पीढ़ी का ही ख्याल आता है क्योंकि आज का युवा राजनीति को लेकर गंभीर नहीं है। युवा वर्ग का माहौल आजकल बदल गया है। शिक्षा, रोज़गार, और सामाजिक परिवारिक मामलों के चलते, युवाओं के मन में आज के समय की कुछ नई बातें उभर कर आई हैं। इस नई सोच का एक प्रमुख पहलू यह है कि वे अपने राजनीतिक नेताओं के साथ केवल छवि बनाने में रुचि रखते हैं।
क्या युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है राजनीति
यह एक अच्छी बात है कि युवा अपने नेताओं के साथ जुड़ने का आग्रह करते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह सिर्फ़ सेल्फी लेने के लिए है या कुछ और भी? क्या इससे हमारी युवा पीढ़ी, नेताओं के कामकाज और उनकी पॉलिटिकल जागरूकता की ओर बढ़ रही है? युवा वर्ग के मन मष्तिष्क में सोशल मीडिया इतना हावी हो गया है, कि उन्हें लगता है कि वे नेताओं के साथ एक सेल्फी लेते हुए अपने सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल पर प्रशंसा प्राप्त कर सकते हैं। यह छवि प्राप्त करने के प्रयास का हिस्सा हो सकता है, लेकिन क्या यह वास्तव में राजनीति के प्रति उनकी जागरूकता को बढ़ावा देता है? मैंने अक्सर युवाओं को बोलते हुए सुना है कि “राजनीति एक दलदल है”, “आई हेट पॉलिटिक्स”, “सब भ्रष्ट लोग ही राजनीति में जाते हैं” और न जानें क्या-क्या? आखिर यह सोच क्यों है? इसके प्रतिउत्तर में और भी बड़े विचार सामने आये कि “एक के बदलने से देश नहीं बदलेगा” तो क्या कोशिश भी न कि जाए?
राजनीति में भागीदारी निभाए युवा
युवा पीढ़ी को यह याद दिलाना चाहिए कि राजनीति सिर्फ़ वोट देने से नहीं होती, बल्कि इसमें सक्रिय भागीदारी करना और समाज के लिए सच्चे परिवर्तन की कोशिश करना शामिल होता है। युवा नेताओं को नेतृत्व और नीतिगत क्षमता की ओर बढ़ने के लिए अपने कौशल को विकसित करने का समय देना चाहिए और उन्हें अपने समुदाय और देश के लिए सेवा करने का संकल्प लेना चाहिए। यह नहीं कि फलाने नेता के साथ सेल्फी हो गई बस अब फलाने मंत्री जी के पीछे भागेंगे। युवा पीढ़ी को राजनीति के प्रति जागरूक होने के लिए उन्हें सिर्फ़ सेल्फी नहीं खींचनी चाहिए, बल्कि उन्हें नेताओं के कामकाज को जानने, उनकी नीतियों को समझने, और समाज में समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय रूप से भागीदारी करने का प्रयास करना चाहिए।
इंटर्नशिप के माध्यम से बढ़ सकते हैं युवा
सरकार को चाहिए कि राजनीति में भी इंटर्नशिप के माध्यम से युवाओं को आगे लाने की रणनीति बनाए। यह न केवल युवाओं के विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि लोकतंत्र को भी इसका फ़ायदा होगा। युवाओं की शक्ति का यथासम्भाव उपयोग करके हम अपने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मज़बूत बना सकते हैं और उन्हें राजनीति और लोकतंत्र में अधिक भागीदार बना सकते हैं। इसलिए, हमें युवाओं के साथ उनकी भागीदारी को बढ़ाने के लिए नीति-निर्माताओं और युवाओं को लोकतंत्र में शामिल करने के लिए समर्थ करना चाहिए।
मेरा सभी भारत के युवाओं से अनुरोध है कि नेताओं के साथ सेल्फी लेने के बजाय राजनीति की गंभीरता को समझने का प्रयास करिए। अपनी छवि बनाने के बजाय अपने देश और समाज के लिए सही निर्णय लेने जुटिए और सच्चे परिवर्तन के लिए काम करिए। इसी तरह से हमारे युवा नेता न केवल दिखावा का हिस्सा होंगे, बल्कि सच्चे और सफल नेता के रूप में अपने देश के लिए समर्पित बनेंगे। और फिर वह दिन दूर नहीं जब हमारा भारत देश “युवा देश, बूढ़े नेता” के रूप में नहीं बल्कि “युवा देश, युवा नेता” के रूप में जाना जाएगा।