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हिन्दी कविता: बेटियाँ है तो घर उजाला है!

Daughters are special

Daughters are special

बेटी होती घर की लक्ष्मी,

बेटी है प्रकृति का उपहार,

बेटी का करो सम्मान,

आगे बढ़ कर बनेगी महान,

बेटी को जब पढ़ाओगे,

समाज में इज़्ज़त पाओगे,

बेटी हर घर की हरियाली,

याद करेगी सबको प्यारी,

बेटी है ईश्वर का वरदान,

उसके बिना जग वीरान,

बेटी घर को है संभालती,

स्वर्ग से सुंदर उसको बनाती,

बेटी है तो घर उजाला है,

बेटी से ही जग सारा है,

वही तो अभिमान की धारा है,

बिन बेटी सब अंधियारा है,

बेटी का जब करोगे मान,

तुम्हारा भी होगा सम्मान।

यह कविता उत्तराखंड के बागेश्वर जिला स्थित कपकोट से वर्षा आर्या ने चरखा फीचर के लिए लिखा है. 13 वर्षीय वर्षा दिशा सखी के रूप में किशोरियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती हैं.

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