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आज का भारत…

यूं तो आज के भारत को हम स्वतंत्रता के बाद का भारत कहते हैं लेकिन आज भी भारत, भारत में रहने वाली बहुत सी महिलाओं के लिए स्वतंत्र नहीं है। वे आज भी अपनी स्वेच्छा से अपनी ज़िंदगी के फैसले खुद नहीं ले सकती। आज के भारत मे क्यों स्त्रियों को पुरुष के समान अधिकार प्राप्त नही है। इस पर मुझे कुछ पंक्ति याद आती है, 

 समाज मे लड़कियों के साथ हो रहे दोहरे चरित्र को देखकर मन में बार बार ये ख्याल आता है,                   कि क्यों आज भी समाज मे लड़के-लड़की को लेकर अलग अलग सोच रखा जाता है। 

 क्यों लड़के के पैदा होने पर खुशियाँ मनाया जाता है और क्यों लड़की के पैदा होने पर घर में मातम सा छा जाता है,   आख़िर क्यों आज भी लड़कियों को बोझ समझा जाता है। 

उक्त पंक्तियाँ हमारे आज के समाज का ही दर्पण है। 

 लड़की के पैदा होने पर कहते तो हैं कि लक्ष्मी आई है, फिर क्यों मन ही मन सोचते हैं कि लड़का होता तो सहारा बनता, लड़की तो पराई है। 

 क्यों आज के समाज में लड़कों को हर तरह की स्वतंत्रता है, वे कहीं भी जाए कहीं से भी आए बिना किसी को बताए, लेकिन वहीं क्यों एक लड़की पढ़ने कॉलेज भी जाए तो समाज और घर वालों के सवालों के कठघरे में खड़ी हो जाए। 

 क्यों एक लड़के के उज्ज्वल भविष्य के लिए घर की सारी पूँजी लुटा दी जाए, और वहीं क्यों एक लड़की जो डॉक्टर, इंजीनियर, आई° एस° जैसे कई सपने आँखों में संजोए है, उसके लिए जोड़ी गयी पूँजी को उसके विवाह में दुसरो को दिखावे के लिए लुटा दी जाए। 

 आख़िर क्यों कब तक समाज में ऐसे ही चलता रहेगा, आख़िर कब तक लड़का लड़की में भेदभाव ऐसे ही चलता रहेगा, आओ मिलकर ये कहते है, समाज में परिवर्तन लाएँगे, भारत को नया बनाएंगे। 

 

 

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