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कौन हैं अंकित बैयनपुरिया जिन्हें देखकर युवाएं ले रहे हैं 75 हार्ड चुनौती

Ankit Baiyanpuria

Ankit Baiyanpuria

हमारा भारत प्राचीन काल से ही शारीरिक और मानसिक शक्ति के लिए जाना जाता है। अनेक महान योद्धा हमारे देश की मिट्टी में पैदा हुए और मिट्टी के लिए लड़ते रहे, और देश का नाम ऊँचा करते रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज तक भी भारत में वीर योद्धाओं की कोई कमी नहीं है, जबकि पुराणिक काल से आज तक थोड़ा मॉडर्न और नई तरह के उपकरणों का प्रयोग होता है और खान-पान में भी बहुत बदलाव आया है। फिर भी, मैं हर उस व्यक्ति का हार्दिक नमन करता हूं जो ऐसे युग में पैदा होते हैं, जब बच्चों को नशे और स्वस्थ पदार्थों की लत लग जाती है और वो लत भी ऐसी होती है जो इंसान को किसी जीवित मुर्दे जैसा बना देती है, लेकिन फिर भी आज बहुत बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएँ अपने जीवन में स्वस्थ पदार्थों का सेवन कर नियमित रूप से कसरत कर रहे हैं।

शरीर को स्वस्थ रखना आसान नहीं

शरीर को स्वस्थ रखना कोई आम बात नहीं है, और वो भी तब जब हर अस्वस्थ पदार्थ आपके आस-पास मिल रहा है। दुनिया का सबसे आसान काम किसी इंसान के लिए हो सकता है खाली बैठकर खुद को जिंदा रहते हुए मृत के समान कर लेना। लेकिन बहुत मजबूत इरादा चाहिए उन महान लोगों के लिए जो उठकर अपने जीवन को कठिनाइयों से निकालकर आगे बढ़ते हैं। कमजोर होना एक बड़ा अपराध है। एक भी गलत कदम इंसान को पूरी जिंदगी रुला देता है। यह बात वह महान पुरुष जानते हैं, इसलिए वे आज सही कदम उठा रहे हैं। एक ऐसे महान पुरुष का उल्लेख है जो हरियाणा के सोनीपत के पास एक गांव बयानपूर में निवास करते हैं, जो मात्र बीस साल के हैं। उनका नाम है अंकित सिंह।

कौन हैं अंकित बैयनपुरिया

अंकित बयानपूरिया जी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। हरियाणा के बयानपूर से उन्होंने अपना नाम जोड़ा और सोशल मीडिया पर कहर मचा दी। छः फुट कद के अंकित शारीरिक रूप से जितने बलशाली और आत्मविश्वासी हैं, उतने ही बोली में शांत और अनुशासित भी हैं। उनकी हर प्रस्तुति ‘राम राम भाई सारेआ ने’ से शुरू होती है, जो सुनने में बड़ा मनमोहक लगता है। हाल ही में अंकित जी ने 75 हार्ड चुनौती को स्वीकार किया, और आज वे पूरे देश में इसके बारे में चर्चा कर रहे हैं।

क्या है 75 हार्ड चुनौती

यह चुनौती कोई आम चीज़ नहीं है, बल्कि यह एक बहुत ही अनुशासित गतिविधियों के माध्यम से पूरी की जाने वाली चुनौती है। इसमें पांच चुनौतियां हैं जो अगले 75 दिनों के लिए करनी होती हैं। रोज़ 45 मिनट की दो कसरतें करनी होती हैं, जिनमें से एक बाहर होनी चाहिए, 4 लीटर पानी पीना होता है, दस पेज रोज़ एक गैर-कथा पुस्तक पढ़नी होती है, और रोज़ एक सेल्फी लेनी होती है। इसके साथ ही, खान-पान पर भी ध्यान देना होता है। अंकित ने अनुशासित रूप से सभी नियमों का पालन किया है और एक नई मिसाल प्रस्तुत की है। उनसे प्रभावित होकर आज कई युवा लोग 75 हार्ड चुनौती को स्वीकार कर रहे हैं।

युवाएं ले रहे हैं 75 हार्ड चुनौती

अंकित से प्रभावित होकर लोग अनुशासित होने का प्रयास कर रहे हैं। अंकित जी ने इसके साथ ही गीता पढ़ना शुरू किया है, जो अब कई युवा भी पढ़ रहे हैं। और दूसरों को मैं क्या कहूं, मैं खुद भी 75 हार्ड चुनौती को स्वीकार किया है और रोज़ अनुशासित रूप से इसका पालन कर रहा हूँ। हमारे देश के विकास के लिए इस तरह के युवाओं द्वारा यह एक बड़ा कदम है, जिसके लिए मैं श्री अंकित सिंह जी का आभारी हूं। भारत में अंकित जी जैसे लोगों ने साबित किया है कि सफलता किसी भी समय की मोहताज नहीं होती, बल्कि सिर्फ कर्म से प्राप्त की जाती है।

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