अंकतालिका व डिग्री चोरी को संगीन अपराध नहीं माना गया है। इसलिए पुलिस रपट तो लिखती हैं कि शिक्षा प्रमाण पत्र चोरी हुए हैं पर एफआईआर दर्ज नहीं करती। शिक्षा प्रमाण पत्रों की अहमियत हासिल करने वाला जानता है। रातों को जागना, पैसों का प्रबंध फीस के लिए, साल दर साल मेहनत।
डिग्रियाँ चोरी होने पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं
मेरी एम काम की डिग्री चोरी हुई है। एम एड की प्रोविजनल डिग्री चोरी हुई है। बी एड की अंकतालिका व डिग्री और एनटीटी नरसरी टीचर ट्रेनिंग की डिग्री चोरी हुई है। सब उठा ले गये अपराधी घर से। एम काम व एम एड की अंकतालिका प्रधानमंत्री कार्यालय भेजी थी वो भी वापिस नहीं आयी न ही जवाब आया कि हमारा सुरक्षित रोजगार का अधिकार कहाँ है।
पुलिस अलर्ट जारी करने का करे प्रावधान
ऐसे में जरूरी है कि शिक्षा विभाग हमारी पुलिस शिकायत पर अपने बेबसाइट पर अलर्ट जारी करने का प्रावधान बनाये कि इन डिग्रियों पर कोई फर्जी रोजगार प्राप्त नहीं करेगा। सम्भावना है कि पूरा रैकेट ही काम करता हो जो अंकतालिका व डिग्री चुराकर बेचता हो कालेजों को और बड़े स्तर पर अपराध किया जा रहा है। राजस्थान विश्वविद्यालय तो एक ऐसा विश्वविद्यालय है जो 2010 में पास एम एड की डिग्री ही नहीं दे रहा। ऐसे अपराध पर सख्त कार्रवाई का नियम भी बनाया जाये।