बिहार में जातीय जनगणना पर लगी रोक को हटा दिया गया है। पटना हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। वहीं अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है। यानी कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जातीय जनगणना कर सुनवाई करेगी।
बिहार में जातीय जनगणना मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट 7 अगस्त को सुनवाई होनी थी जो अब 14 अगस्त को होगी। पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर जाति गणना करने पर लगी रोक हटा ली थी। बता दें, इसके खिलाफ नालंदा के अखिलेश कुमार सिंह एवं अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। वहीं अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर है।
मालूम हो कि जातीय जनगणना का काम जनवरी 2023 में शुरू हुआ था। वहीं इसके काम को मई तक पूरा किया जाना था। लेकिन हाई कोर्ट के रोक के बाद जातीय जनगणना का काम बीच में ही रोक दिया गया था। बता दें, 5 मई को पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना पर रोक लगा दिया था। साथ ही सभी डाटा को संरक्षित रखनेे का आदेश दिया था। तब कोर्ट की ओर से कहा गया था कि बिहार सरकार के पास जातियों को गिनने का अधिकार नहीं है। ऐसा करके सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है।
इसके बाद दुबारा बिहार सरकार ने जातीय जनगणना मामले में जल्द सुनवाई के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 9 मई को पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं अब हाई कोर्ट का फैसला आया है। कोर्ट ने जातीय जनगणना पर रोक वाली याचिका को खारिज कर दिया है।