Site icon Youth Ki Awaaz

“हिमाचल में मॉब लिन्चिंग और हिंसा, हिमाचलियों पर सवाल खड़े करता है”

Stop mob lynching

Stop mob lynching

हम हिमाचलियों को आईना दिखाया जाए तो हम बिदक जाते हैं। हम सुधार नहीं करते, उल्टा आईना दिखाने वाले को ही भला बुरा कहने लगते हैं। रोहड़ू में एक बच्चे को नंगा करके पीटा गया। आंखों में मिर्ची डाली गई। और ऐसा एक व्यक्ति ने नहीं, समूह ने किया औऱ वीडियो भी बना लिया गया।

क्या मॉब लिन्चिंग और हिंसा नया कानून है

नेपाली मूल के इस बच्चे की मां बीमार थी और अस्पताल में भर्ती थी। जिस दिन उसके साथ ये सब हुआ, उसी रात मां की मौत हो गई। कहा जा रहा है कि यह बच्चा कुरकुरे चुराने की कोशिश कर रहा था। अगर उसने चोरी की भी थी तो आप खुद थानेदार बनने वाले कौन होते हैं? इस घटना ने लोगों के चेहरे पर चढ़ा सादगी का नक़ाब उतार फेंका है। ये सब दिखाता है कि लोगों में उन प्रवासियों के प्रति कितनी नफरत भरी है, जिनके बिना उनके कई काम ठप हो जाएंगे। पता चलता है कि कैसे लोगों को अपने से कमजोर को पीड़ित करने में ताकत का अहसास होता है।

खामोश रही भीड़

सबसे दुख की बात यह है कि भीड़ भी खामोश होकर देखती रही। यह दिखाता है कि लोग दूसरों को कष्ट देने में आनंद लेने लगे हैं, सैडिटिस्क प्लैज़र तलाशने लगे हैं। और फिर ढोंग यह कि बाहर वाले बुरे हैं, हम हिमाचली तो बहुत सीधे हैं। एक घटना का दोष सब पर नहीं थोपा जा सकता। मगर इस विषय पर चुप्पी क्यों? किसी प्रवासी ने अगर ऐसा व्यवहार स्थानीय के साथ किया होता तब भी ऐसी ही खामोशी छाई रहती?

यह तो वीडियो बाहर आ गया वरना कभी इस घटना का पता नहीं चलता। पुलिस और कानून को इस मामले में जो कार्रवाई करनी है वह तो होगी। लेकिन प्रश्न यह है कि एक समाज के तौर पर हम कहां जा रहे हैं?

Exit mobile version