1857 में प्रथम स्वतत्रंता संग्राम का उद्गय मेरठ से हुए हैं। यहां आस-पास कई ऐसे स्थल है जो क्रांतिकारियों की गतिविधियों के प्रमुख केंद्र माने जाते रहे हैं। इसमें गढ़ रोड का गांधी आश्रम, मेरठ कालेज , गुरुकुल डोरला , हस्तिनापुर का राजा रघुनाथ महल प्रमुख है। इन स्थलों पर क्रांतिकारी आंदोलन की नीति तैयार किया करते थे और गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था । इतिहाकार डॉ के के शर्मा ने कहा कि गांधी आश्रम क्रांतिकारीयोकी गातिविधियों का प्रमुख केंद्र है। महात्मा गांधी से लेकर चौधरी रघुनाथ नारायण सिंह त्यागी ने स्वंतत्रता आंदोलन में महत्वपुर्ण योगदान दिया था।
कांग्रेस के 1946 अधिवेशक की उनके चाचा ने भी कांग्रेस के प्रथम अधिवेश में सक्रिय भूमिका निभाई है । उन्होंने मेरठ में गढ़ रोड स्थित गांधी आश्रम की जमीन खरीदी जिसे डोनेशन दिया। मेरठ कालेज से चंद कदम दूरी पर त्यागी हॅास्टल भी उन्ही की देन है । राजा रघुनाथ नायक का महल रहक क्रांतिकारीयों ने देश को आजाद करने में मुख्य भूमिका निभाई । झासी की रानी के मामा रघुनाथ नायक फौजी क्रांति के बाद यहां आए थे। उन्होंने इस महल का निर्माण कराया । महल में ऐसी दो गुफ्याएं है जिसमें एक साथ 50 लोग बैठ सकते हैं। आपको बता दें 1919 में स्वतंत्रता सेनानी और महान संत सुमेर सिंह काली कमली वालों ने इस इमारत की कमान संभाली । 1939 में काली कमली वालों ने इस इमारत की कमान संभाली । 1939 में काली कमली वालों के ब्रह्मलीन डा स्वामी मंहत उर्फ रामकिशन को संचालक नियुक्त किया गया , पर अंग्रेजी फौज पर सिपाही रहस्यमय गुफाओं तक नही पहुँच पाए।