यूपीएससी (UPSC) मुख्य परीक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण परीक्षा है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) जैसे विभिन्न पदों के चयन के लिए आयोजित की जाती है । इसमें नौ प्रश्नपत्र होते हैं जिनमें शामिल होते हैं – अंग्रेजी और भारतीय भाषा के अनिवार्य , निबंध , सामान्य अध्ययन के चार और वैकल्पिक विषय के दो प्रश्नपत्र। सबसे पहले हम सभी प्रश्नपत्रों की तैयारी के कॉमन सन्दर्भ में कुछ बिंदुओं की चर्चा करेंगे जिनसे आप अपनी यूपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी को बेहतर समझ सकते हैं। आगे हम हर एक प्रश्नपत्र के अनुसार चर्चा करेंगे।
Mains से पहले कुछ जरूरी बातों का रखें ध्यान
- मुख्य(प्रधान ) परीक्षा का उद्देश्य इसके आधिकारिक नोटिफिकेशन में दिया जाता है – “प्रधान परीक्षा का उद्देश्य उम्मीदवारों के समग्र बौद्धिक गुणों तथा उनके गहन ज्ञान का आकलन करना है, मात्र उनकी सूचना के भंडार तथा स्मरणशक्ति का आकलन करना नहीं। सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों के प्रश्नों का स्वरुप और स्तर ऐसा होगा कि कोई भी सुशिक्षित व्यक्ति बिना किसी विशेष अध्ययन के इनका उत्तर दे सके । प्रश्न इस प्रकार के होंगे कि सभी प्रासंगिक विषयों के बारे में उम्मीदवार की आधारभूत समझ तथा परस्पर-विरोधी सामाजिक आर्थिक लक्ष्यों ,उद्देश्यों और विचारों को आँका सके। इस बात का अपनी तैयारी के दौरान धयान रखें।
- वैकल्पिक प्रश्न पत्र का स्तर उस विषय के स्नातक लेवल से ऊपर और स्नातकोत्तर स्तर से निम्नतम स्तर का होता है। हालाँकि विधि , चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग विषयों में यह स्नातक लेवल का होता है। 26 दिए गए वैकल्पिक विषयों में से आपको एक चुनना होता है। आप इसके लिए पहले अपनी रूचि को समझें और कौन सा विषय आप ज़रूरत पड़ने पर सालों तक पढ़ पाएंगे।
- सिलेबस समझें: पहले और सबसे महत्वपूर्ण कदम है यूपीएससी मुख्य परीक्षा के सिलेबस को समझना। आपको पूरे पाठ्यक्रम को समझने और विषयों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।सिलेबस को अपने कमरे में दीवाल पर चिपका लीजिये ताकि वह पूरी तरीके से आपके दिमाग में बैठ जाए। इससे आप पढ़ते समय यह ध्यान भी रख सकेंगे कि क्या आवश्यक है और क्या नहीं।
- अध्ययन सामग्री का चयन: सिलेबस के अनुसार पुस्तकों और अध्ययन सामग्री का चयन करें। सबसे पहले तो छटवीं से बारहवीं तक के सभी प्रमुख विषयों जैसे इतिहास, भूगोल , समाजशास्त्र ,संविधान , अर्थव्यवस्था , विज्ञान , फाइन आर्ट्स ,क्राफ्ट्स एंड हेरिटेज आदि की NCERT किताबों को आपको दो तीन बार पढ़ना ,समझना और जज़्ब करना चाहिए।
- इसके अलावा इंटरनेट पर इनसाइट्स ऑन इंडिया ,आई ए एस बाबा , दृष्टि ,फोरम आईएएस ,विज़न आईएएस आदि वेबसाइट्स पर फ्री और क्वालिटी सामग्री आपको मिल जाएगी। साथ ही दैनिक अखबार पढ़ें और करंट अफेयर्स के शॉर्ट एनालिसिस वाले लेख पढ़ें जो आपको इन और अन्य वेबसाइट्स पर भी मिल जायेंगे।
- प्रीलिम्स की तैयारी के दौरान आप प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षा के कॉमन सिलेबस वाले विषयों को साथ में ही तैयार कर लें। किसी भी विषय पर आपके पास लिखने को दस और पंद्रह अंकों के प्रश्नों के जवाब के लिए क्रमशः 150 शब्द और 250 शब्दों की सामग्री होनी चाहिए। और उन विषयों पर पिछले दस सालों में पूछे गए प्रीलिम्स के ऑब्जेक्टिव सवाल और मेन्स के लिखने वाले सवाल दोनों की साथ साथ प्रैक्टिस करते रहें।
- नोट्स बनाएं: अध्ययन और कम से कम दो रिविज़न के बाद शॉर्ट नोट्स बनाना उपयुक्त होता है। ये आपकी अवधारणा और समझ को सुदृढ़ करते हैं और परीक्षा के समय आपकी सही सामग्री को कम से कम समय में लिखने में मदद करते हैं।
- पिछले लगभग दस सालों के प्रश्न पत्र के अध्ययन और विश्लेषण : यूपीएससी मुख्य परीक्षा के पिछले साल के प्रश्न पत्र अध्ययन करना महत्वपूर्ण है। इससे आपको परीक्षा के पैटर्न, प्रश्न के टाइप, और आपके तैयारी का स्तर पता चलता है।साथ ही आपको इन अलग अलग प्रश्नपत्रों के अलग अलग रजिस्टर/नोटबुक बनाने चाहिए और सिवाय वर्तमान में गैर प्रासंगिक सवालों के सभी प्रश्नों को उन सम्बंधित नोटबुक में टाइम लिमिट के अनुसार( आम तौर पर अंकों के आधार पर टाइम को आप डिवाइड कर सकते हैं ) अभ्यास करना चाहिए।बाद में इन विषयों पर लिखे गए आपके ये उत्तर एक प्रकार से नोट्स का वैल्यू एडेड रूप भी कहला सकते हैं।
- समय प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करें: यूपीएससी मुख्य परीक्षा में समय प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी तैयारी को समय सारणी के अनुसार बाँटें और प्रतिदिन नियमित रूप से अध्ययन करें।हफ्ते ,महीने के अनुसार और दैनिक टार्गेट्स तय करें पर उनके सौ प्रतिशत पूरे न होने पर मानसिक सेहत न ख़राब करें।
- मॉक टेस्ट दें: नियमित मॉक टेस्ट देना आपकी परीक्षा की तैयारी को अधिक परिपूर्ण बनाता है। मॉक टेस्ट के माध्यम से आप अपनी प्रगति को माप सकते हैं और अपनी कमियों को सुधार सकते हैं। ज़रूरी नहीं कि आप बहुत महंगे कोचिंग से ही मॉक खरीद सकते हैं। इनसाइट्स , आइएएस बाबा ,दृष्टि ,विज़न ,फोरम आदि संस्थान ऑनलाइन दैनिक उत्तर लेखन के लिए प्रश्न डालते हैं। परीक्षा के समय फ्री और व्यवस्थित टाईमटेबल के साथ निःशुल्क कार्ययोजना भी वेबसाइट्स चलाती हैं वहां से भी आप इनका अभ्यास कर सकते हैं। हालाँकि अगर आप सशुल्क टैस्ट्स नहीं दे रहे हैं तो उनके फीडबैक के लिए आपको किसी शिक्षक या पूर्व अभ्यर्थी जिसे मुख्य परीक्षा का अनुभव हो ,उन्हें अपने उत्तर दिखाना चाहिए। और उसके आधार पर धीरे धीरे उत्तरों की गुणवत्ता को बढ़ाना चाहिए।
- चारों सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों में बीस सवाल होते हैं जो पंद्रह -पंद्रह अंकों के दस और दस -दस अंकों के दस प्रश्न क्रमशः होते हैं।
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 1 (250 अंक )
- इसमें भारतीय इतिहास प्राचीन काल से अभी तक , भारतीय संस्कृति -साहित्य -कला , स्वतंत्रता संग्राम , विश्व इतिहास , स्वतंत्रता के बाद एकीकरण और पुनर्गठन , भारतीय -वैश्विक भूगोल , समाज और विकास -जनसँख्या के मुद्दे , राजनीतिक विचारधाराएं , भारतीय समाज और भूमंडलीकरण , सम्प्रदायवाद -क्षेत्रवाद ,महिला संगठन जैसे विषय इस पेपर में शामिल होते हैं। इनपर तथ्यात्मक और विश्लेषणात्मक सवाल पूछे जाते हैं जिन्हे आप पिछले सालों के प्रश्नपत्रों से बेहतर समझ सकते हैं। विस्तार से जानकारी के आधिकारिक नोटिफिकेशन को देखें।
- NCERT की विषयानुसार छठवीं से बारहवीं तक की किताबें, पिछले प्रश्नपत्रों का अभ्यास और वर्तमान में इन विषयों से जुड़े मुद्दों की समझ इस प्रश्नपत्र के लिए पर्याप्त होती है। जैसा ऊपर बताया गया है कि सभी विषयों के सन्दर्भ में आपको वेबसाइट्स पर ये मुद्दे और उनके विश्लेषण निःशुल्क मिल जाते हैं। उनके नोट्स बना सकते हैं या उन्ही शार्ट नोट्स की सामग्री से रिवाइज़ भी कर सकते हैं।
- भूगोल और इतिहास-कला विषयों में मानचित्रों और चित्रों का प्रयोग , फ्लोचार्ट्स और उदाहरणों और केस स्टडीज के ज़िक्र से आपके उत्तर बेहतर बनते हैं ,इसका अभ्यास आप तैयारी के दौरान ही कर सकते हैं।
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 (250 अंक )
- इसमें भारतीय संविधान,संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ शामिल हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय, गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय। शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत उपाय , लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिकाआदि ।
- भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध,द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार,भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय ,महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।
इन विषयों के लिए जरूरी किताबें और टिप्स
- इस प्रश्न पत्र के लिए NCERT की ग्यारहवीं कक्षा की किताब के अलावा संविधान और गवर्नेंस के लिए तो जो किताब एम लक्ष्मीकांत की प्रीलिम्स के लिए आप पढ़ते हैं वही काम आ जाएगी और उसे आपको सिर्फ रिवाइज़ करना होगा। बाकी विषयों के लिए अखबारों और ऑनलाइन लेखों से (इंटरनेट से )आप सामग्री ले सकते हैं।
- साथ ही अपने उत्तरों को बेहतर बनाने के लिए उनमें कोर्ट और ट्रिब्यूनल के महत्वपूर्ण निर्णयों की एक सूची बना लीजिये।
- एक महत्वपूर्ण बात यह कि इस प्रश्नपत्र में आप संविधान के अनुच्छेदों का ज़िक्र ज़रूर करें। खासकर कि उत्तर की शुरुआत में ही। इससे आपके उत्तर का वज़न और बढ़ता है।
सामान्य अध्ययन -प्रश्नपत्र 3 (250 अंक)
भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय। समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय ,सरकारी बजट।मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता जरूरी है।
संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।आपदा और आपदा प्रबंधन।
विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका।संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश।
इन विषयों पर प्रश्नपत्र कैसे होंगे?
अर्थव्यवस्था के लिए प्रीलिम्स के पहले पढ़ी गयी बेसिक इकोनॉमिक्स की किताबें , आपदा प्रबंधन और विज्ञान पर्यावरण के लिए प्रीलिम्स के पहले पढ़ी गयी एन सी ई आर टी की किताबें यहाँ भी काम आएंगीं। इसके अलावा द हिन्दू , द इंडियन एक्सप्रेस ,जनसत्ता जैसे अखबारों के सम्पादकीय आदि पढ़ना चाहिए। डाउन टू अर्थ मैगज़ीन , करंट अफेयर्स और मासिक पत्रिकाओं से भी आप अपने नोट्स में वैल्यू एडिशन कर सकते हैं।
इसके अलावा आप सम्बंधित विषय की सरकारी वेबसाइट्स और उस क्षेत्र की प्रतिष्ठित रिपोर्ट्स की समरी भी पढ़ सकते हैं और उन्हें नोट्स में जोड़कर अपने उत्तरों को बेहतर बना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर खासकर विज्ञान और तकनीकी , सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए आप यह ज़रूर करें। अर्थव्यवस्था ,सुरक्षा ,पर्यावरण ,तकनीकी आदि के विषय पर हालाँकि आपको आलोचनात्मक उत्तरों के लिए अन्य स्वतंत्र विशेषज्ञ अनुसंशाओं , रिपोर्ट्स और उपायों का ज़िक्र भी करना चाहिए।
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 4 (250 अंक )
इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार-व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों का निर्धारण करने के लिये प्रश्न-पत्र में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है। मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध , अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण आदि। सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
उपर्युक्त विषयों पर केस स्टडीज़
इस प्रश्नपत्र में उक्त विषयों से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
इस प्रश्नपत्र की तैयारी के लिए आप अगर अंग्रेजी माध्यम के हैं तो डीके बालाजी सर की किताब से पढ़ सकते हैं और सुब्बाराव की किताब भी इस पेपर के लिए एक अच्छी किताब है।
इसके अलावा आप अखबार ,टेड टॉक्स , बैटर इंडिया हिंदी /इंग्लिश वेबसाइट और अपने आस पास के कार्यस्थल या व्यक्तिगत संबंधों के उदाहरणों के नोट्स बना सकते हैं क्यूंकि यह प्रश्नपत्र विशेषतः आपके नीतिशास्त्र के व्यावहारिक पक्षों को आंकता है।
निबंध (250 अंक )
- “इस प्रश्नपत्र में उम्मीदवार को दिए गए विषयों में से दो पर पर निबंध लिखने होंगे | विषयों के विकल्प दिये जायेंगे| उनसे आशा की जाती है कि अपने विचारों को निबंध के विषय के निकट रखते हुए क्रमबद्ध करें तथा संक्षेप में लिखें| प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्तियों के लिये श्रेय दिया जायेगा|” यह आधिकारिक नोटिफिकेशन में दिया होता है।
- निबंध का प्रश्नपत्र मुख्यत: दो भागों में विभाजित रहता है। प्रत्येक भाग में दिये गए 4 विकल्पों में से एक-एक विकल्प का चयन करते हुए कुल दो निबंध (प्रत्येक 125 अंक) लिखने होते हैं। प्रत्येक निबंध के लिये निर्धारित शब्द सीमा लगभग 1000-1200 होती है।
- इस पेपर के लिए हर दिन थोड़ा समय अंग्रेजी या संबन्धित भाषा के अखबारों की सम्पादकीय पढ़ने में लगाइये जो वैसे भी आपको अन्य सभी प्रश्नपत्रों में ज़रूरी होगा ।इससे भाषा , व्याकरण और कंटेंट धीरे धीरे सब में बेहतरी होगी।वैसे आप जिस माध्यम से अन्य प्रश्नपत्र लिखेंगे उसी भाषा में आपको निबंध लिखना होगा।
- निबंध लिखने के लिए आप आम तौर पर सबसे पहले अपने विषय को अच्छे से समझ लें और फिर उस पर अपने अलग अलग डाइमेंशन्स से विचार रफ़ स्पेस में लिख लें। एक निबंध में भूमिका , मुख्य भाग और निष्कर्ष यह तीन हिस्से होते हैं। आप अपने रफ़ वर्क में यह प्लान कर सकते हैं कि आप भूमिका में क्या लिखेंगे,मुख्य भाग में क्या और अंत किस तरह करेंगे।
- फिलोसोफिकल थीम के निबंधों को सरल करने के लिए खासकर पहले ब्रेकडाउन करके समझ लें कि इसके क्या क्या पहलू हो सकते हैं। निबंध में आप कल्पनाशील भी हो सकते हैं। हालाँकि आपको उसके लिए तर्क भी देने होंगे। सामान्य अध्ययन के विषयों पर आम तौर पर निबंध लिखना आसान होता है। पर यह नहीं भूलना चाहिए कि सामान्य अध्ययन और निबंध के प्रश्नपत्रों से अपेक्षाएं अलग अलग होती हैं।जो जानकारी आप के पास हो सिर्फ उसीको निबंध के रूप में अव्यवस्थित डाल देना निबंध नहीं कहलाता है।
- एक अच्छा निबंध थीसिस -एंटी थीसिस -सिंथेसिस की प्रक्रिया से बनता है। जहां तर्कों का उदाहरणों से अधिक महत्व होता है। हालाँकि उदाहरणों के बिना तर्क बेमानी होते हैं।
- कम से कम दस निबंधों का अभ्यास आपको करना चाहिए। अगर आपको और कठिनाई होती है तो पिछले दस सालों के निबंध के पेपर को सॉल्व करना चाहिए।
- अच्छी किताबें भी अच्छे निबंधों को लिखने में मदद करती हैं। अगर वक़्त मिले तो साथ में पढ़ते रहिये और ज़रूरी अंश को नोट कर लीजिये।
- एकजाने माने अनुभवी शिक्षक कहते हैं कि निबंध में जितनी मौलिकता और विचारों में क्रिएटिविटी हो उतना निबंध आकर्षक होता है। पर इसका यह मतलब नहीं है कि क्रिएटिविटी का मतलब बहुत क्लिष्ट भाषा हो। भाषा को सहज रखते हुए भी आप अपने निबंध को विभिन्न आयाम दे सकते हैं। सामाजिक,व्यक्तिगत , राजनीतिक, आर्थिक ,अंतर्राष्ट्रीय , कूटनीतिक , जेंडर ,पर्यावरण आदि आयामों में आप अपने निबंध को ले जा सकते हैं। हालाँकि ऐसा ज़रूरी नहीं है।
- निबंध आर्गेनिक रूप से फ्लो करना चाहिए। हर आने वाला हिस्सा पिछले से अलग हो पर जुड़ा हुआ हो।
भारतीय भाषा की तैयारी
यूपीएससी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में नौ प्रश्नपत्र होते हैं और भारतीय भाषा का प्रश्नपत्र भी उन्हीं में से एक होता है। यह क्वालीफाइंग और अनिवार्य प्रश्न पत्र होता है। यानि अगर इसमें आप क्वालीफाई नहीं करते हैं तो आपके अन्य प्रश्नपत्रों के अंक आपको नहीं बताये जायेंगे। इसमें 100 अंकों का निबंध का एक प्रश्न, 60 अंकों का अपठित गद्यांश, 60 अंकों का सार लेखन, 40 अंकों के दो प्रश्न चुनी हुई भाषा के एक गद्यांश का अंग्रेजी में और अंग्रेजी का आपके चुने भाषा में अनुवाद करने के लिए दिए जाते हैं और 40 अंक के व्याकरण के प्रश्न होते हैं।
अंग्रेजी पेपर की तैयारी
यूपीएससी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में नौ प्रश्नपत्र होते हैं और अंग्रेजी भाषा का उन्हीं में से एक होता है। पर यह क्वालीफाइंग और अनिवार्य प्रश्न पत्र होता है। इसमें 100 अंकों का निबंध, 75 अंकों का रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन जिसमें 15 -15 अंकों के पांच प्रश्न होते हैं। प्रेसी या सार लेखन जो 75 अंकों का होता है। इसमें दिए गए गद्यांश को अधिकतम एक तिहाई शब्दों में अपने शब्दों में सारगर्भित करना होता है। ग्रामर के 50 अंकों के प्रश्न होता है।
UPSC परीक्षा का सबसे अहम 1750 अंकों का पड़ाव इसकी मुख्य परीक्षा होती है। अक्सर यह निर्णायक भी होती है। देखा जाए तो तैयारी शुरू करते वक़्त ही प्रीलिम्स और मेंस की साथ तैयारी करना चाहिए। वैकल्पिक विषय की पूरी तैयारी भी एक बार प्रीलिम्स के रिविज़न से पहले हो जानी चाहिए। ताकि आप प्रीलिम्स के बाद रिविज़न और आंसर राइटिंग भी और अच्छे से ध्यान दे सकें। क्यूंकि प्रीलिम्स के बाद महज 60 -100 दिन बचते हैं और सिलेबस काफी विस्तृत होता है। पर योजना , अनुशासन और धैर्य के साथ आप अपनी तैयारी अच्छे से कर सकते हैं।