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“क्या वेब सीरीज से कोई सकारात्मक संदेश दे पाया है बॉलीवुड?”

changing narrative of web series

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क्या से क्या हो गया देखते देखते ..

सूरज है तू मेरा चंदा है तू …

गुड़िया कब तक रूठी रहोगी ?

तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है ओ माँ ..

बाबुल की दुआएं लेती जा जा तुझको सुखी संसार मिले ..

यशोमति मैय्या से बोले नंदलाल ..

पुराने गानों से हमारा जुड़ाव

इन गानों को सुनकर हम सब बड़े हुए हैं। बॉलीवुड के ये गाने और 70, 80 औऱ 90 के दशक के अनगिनत गाने और फिल्में जो हमारी जिंदगी का हिस्सा हुआ करती थी। हमारी माओं ने इन गानों को सुनाकर की हमारी परवरिश की। हम भी कहाँ दूर कर पाए इन शादी और जन्मदिन और प्यार भरे रिश्तों के बेहतरीन गानों को क्या आप दूर रह सके इनसे नहीं न! ये गाने सिर्फ बॉलीवुड के गाने नहीं थे बल्कि इनसे जुड़ी फिल्मों ने भी हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव डाला। उस समय के डायरेक्टर , एक्टर और संगीतकार, गीतकार, और गायक ऐसी फिल्में बनाते थे जो समाज को एक सकारात्मक संदेश देती थी।

रिश्तों में दूरियों को पाटता बॉलीवुड

हमें याद है 90 के दशक की फ़िल्म “हम आपके हैं कौन।” ये फ़िल्म ऐसे समय पर आई जब समाज मे धीरे-धीरे आपसी रिश्तों में दूरियां आने लगी थी एकल परिवार की ओर लोग बढ़ रहे थे ।।लेकिन राजश्री प्रोडक्शन की इस फ़िल्म ने पूरे देश को अपना दीवाना बना दिया । लोग सपरिवार इस फ़िल्म को देखने के लिए घरों से निकले रिश्तों की बारीकी को सुंदर तरीके से समझाती इस फ़िल्म ने लोगों को एक साथ प्रेम से रहना सिखाया। कोई मिल गया का ‘जादू’ आज भी हमें रोमांचित कर जाता है। मैथ्स विषय से डर निकालने वाली कम बजट की फ़िल्म ‘नील बट्टे सन्नाटा’ आज भी बच्चों को दिखाने के लिए मोटिवेशनल फ़िल्म है। चक दे इंडिया का देश प्रेम आज भी रोमांचित कर देता है। आमिर खान की थ्री इडियट को कौन भूल सकता है? जो हमें पढ़ाई के प्रेशर को कैसे कम करना है वो सिखाती है और आज के परिवेश में भी प्रासंगिक है।

फिल्मों का स्तर गिरता हुआ

लेकिन पिछले कुछ सालों से फिल्मों का स्तर इतना गिर गया है कि अब तो बॉलीवुड फिल्मों को देखकर चिढ़ सी होती है। हो भी क्यों न। ज्यादातर फिल्मों में बस सेक्स, धोखा, नशा और क्राइम दिखाया जाता है। ये फिल्में परिवार के साथ तो देखना तो दूर खुद अकेले देखने का भी मन नहीं करता। जब से वेब सीरीज का चलन चल पड़ा तब से तो इन बॉलीवुड वालों ने हद ही कर दी है। फिल्मों में ज्यादातर अपराध, नग्नता और समाज को बिगाड़ने वाले सन्देश दिए जाते हैं। जो बॉलीवुड हमारे घरों में जिंदगी के साथ-साथ चलता था आज वो ज्यादातर घरों से दूर होता जा रहा है। हो भी क्यों न। ये आजकल के बॉलीवुड स्टार फिल्मों में कोई सकारात्मक संदेश तो देते नहीं। सिर्फ समाज को बिगाड़ने वाली फिल्मों को बड़े बजट के साथ बनाया जाता है।

वेब सीरीज से क्या कोई सकारात्मक संदेश मिल रहा है

वेब सीरीज ने आज की युवा पीढ़ी को बरबादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। जिस युवा पीढ़ी को अपने कैरियर के बारे में फोकस करना चाहिए वो युवा पीढ़ी आज फेसबुक और ट्विटर पर #बॉलीवुड बॉयकॉट का खेल खेलने में अपना वक़्त बर्बाद कर रहे हैं। सच डिजिटल युग में क्या से क्या हो गया देखते-देखते।

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