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हिन्दी कविता: बरसात का मौसम आया है

Joy of monsoon

Joy of monsoon

बरसात का मौसम आया है,

देखो, दिन कितना सुहाना है,

क्या हरियाली में तुमने कभी

किसी को दुखी पाया है?

परियों की दुनिया से निकली,

एक सुंदर सी काया है,

आकाश को देखकर दुनिया में,

सबके मन को भाया है,

क्या खूब था जब टेढ़ी-मेढ़ी गलियों में,

चलते थे बरसात के मौसम में,

नदियां कल कल करती, पंछी चहचहाते हैं,

इंद्रधनुष की छाया देख बच्चे भी इठलाते हैं,

सावन का यह सुहानापन अलबेला सा लगता है

यह कविता पोथिंग, कपकोट, उत्तराखंड से 11वीं की छात्रा हेमा आर्या ने चरखा फीचर के लिए लिखा है

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