Site icon Youth Ki Awaaz

“मॉडर्न जमाने के प्रेम से परे संवेदनशील कहानी दिखती है सत्यप्रेम की कथा”

Satyaprem kii Katha

Satyaprem kii Katha

कुछ अधूरा सा महसूस करने के बाद भी पूरा सा महसूस कैसे होता है यह मुझे पिछले दिनों ‘सत्यप्रेम की कथा’ को देखने के बाद लगा। कारण यह कि फिल्म आपको अलग अलग जज्बातों के सफर पर ले जाती है । आप जाते तो हैं यह सोचकर कि शायद इसमें आप की शाम को हल्का फुल्का मनोरंजन देने का स्टफ होगा। पर आप आते भीगी पलकों के साथ हैं और थोड़ी अधूरी इच्छा के साथ भी कि इतनी जरूरी फिल्म को थोड़ा और बेहतर लिखा जाना चाहिए था।

गाने कम होने चाहिए थे

थोड़े कम गाने होने चाहिए थे। पर शायद जिंदगी की तरह यह फिल्म सारे रंग समेटे हुए है। हां लेकिन सब कुछ चकमक होता तो दुनिया कितनी रंगीन होती है ना? और बहुत मामलों में यह दुनिया दो मुंही है। डरपोक और बुजदिल। इसके अलावा यह भी कि प्यार का कॉन्सेप्ट ही गड़बड़ है आजकल, हर किस्म के प्यार का।

प्रेम में सम्मान और निःस्वार्थता होनी चाहिए

प्रेम सच्चा होना चाहिए सब कहते हैं। पर प्रेम में सम्मान और निःस्वार्थता हो यह कैसे हो, यह हमारे सत्तूजी आपको दिखाएंगे। वैसे मैंने कबीर सिंह देखी नहीं है। पर मुझे याद हो आई वह फिल्म जिसके विपरीत यह फिल्म मुझे कार्तिक के बेहद बेहतरीन सत्तू से स्नेह करवाती है। यह लड़का दुनिया की नजरों में निकम्मा हो सकता है पर इसका हीरे सा दिल और इसका जमीर बहुत काबिले तारीफ है (कार्तिक के निजी सफर को अचानक मैं याद कर उठती हूं कि ये लड़का कितनी लंबी दूरी तय कर आया हैआज तो अच्छा लगता है।)

कार्तिक आर्यन की बेहतरीन अभिनय

ये लड़का अपनी एनर्जी से भरे एक नॉट सो नोटेबल लिरिक्स वाले गाने से आपको मुस्कुरा देता है तो आपको कई दफे रोने पे मजबूर करता है। और उसके लिए संवेदना से भर जाने को तो कभी तालियां बजाने को भी मजबूर करता है । क्योंकि वह अपनी साफ दिली से सभी डिग्रियों के ऊपर आपका दिल जीतता है जैसे उसने कथा का जीता ।

कियारा की सादकी

बात करते हैं कियारा की कथा की । क्या गजब अदाकारी की है लड़की ने। खूबसूरती , सादगी और भावों से कुछ कुछ तमाशा की दीपिका याद आती हैं कभी कभी ।पिछली रात सोते वक्त मुझे अचानक उसकी दिल को चीरने वाली अदाकारी और चेहरे के भाव याद आ गए । मुझे याद आए हर उस लड़की के जीवन की विडंबना जो प्यार में अपना सब कुछ दांव पर लगा देती है ।

मुझे याद हो आती है हर वो लड़की जो अपने हर गलत फैसले के खामियाजे खुद भुगतती है चाहे वो खामियाजे किसी और की गलती या अपराध हों। समाज है ना नैतिकता की चाबुक लिए खड़ा ।जहां मर्ज़ी और जबरदस्ती के बीच कोई सुनवाई नहीं होती है । वहां जहां प्यार सिर्फ शारीरिक स्तर तक सीमित रहता है , जहां आत्मा और मन दोनों को जी भर के कुचला जाता है ।मुझे याद हो आए वो सभी अखबारी किस्से जो इस बेहद महत्वपूर्ण विषय को सिर्फ समोसे का रैप बनाकर छोड़ जाते हैं ।क्योंकि औरत जब इन सब पर बोलेगी तो कौन सुनेगा। 

महिलाओं की दुख और पीड़ा से आज़ादी

कियारा की कथा एक दृश्य में मेरा दिल ले लेती है जहां वह अपना दुख और पीड़ा आखिरकार साझा कर पाती है तो वह आजाद हो जाती है । मुझे क्वीन की रानी (कंगना) भी याद आई।कहते हैं सबसे बड़ा घाव जब आप दुनिया के साथ बांटते हैं तो आप सबसे शक्तिशाली हो जाते हैं क्योंकि अब आपको कोई रोक नहीं सकता उड़ान भरने से। गजराज राव के पप्पा बहुत प्यारे मगर क्लीशे हैं । सुप्रिया की मां के दो पक्ष आपको अपनी मम्मियों की याद दिलाते हैं जो मूलतः प्यारी और मजबूत औरत होती हैं । बस बहुत इरिटेट भी करती हैं कभी कभी।

प्रगतिशील कहानी कहने की कोशिश

बात करते हैं निर्देशक समीर विध्वंस की जिन्होंने हमें आनंदी गोपाल जैसी कहानी सुनाई थी । औरत और आदमी के बीच के प्रगतिशील प्रेम की कहानी ही तो थी वह भी शायद ।फिल्म थोड़ी कसी हुई हो सकती थी । कैमरा और सिनेमेटोग्राफी आपको अहमदाबाद की खूबसूरती और संस्कृति से जोड़ती है । यह अयंका बोस का कैमरा भी है जो आपको इन दो लोगों से प्यार और उनके लिए रूलवाता है ।

नए मुद्दे पर बात अच्छी पहल है

करणकांत शर्मा लेखक हैं जिनकी कहानी में थोड़ा अंत में जल्दबाजी है । पर उन्हें साधुवाद कि उन्होंने एक समसामयिक मुद्दे को उठाया जिसपे इतनी बात नहीं की जाती है । हालांकि बहुत ही हड़बड़ी और ओवर सिंपलीफाई करके इस इतने जरूरी मुद्दे को उन्होंने रैप कर दिया । हो सकता है फिल्म की लंबाई को कम करने को एडिटर ने यह किया हो । पर क्लाइमैक्स जो इतना जरूरी था वही बहुत निपटाने वाले मोड की बलि चढ़ जाता है।

पर इस कहानी को कहा जाना जरूरी था। सुना जाना जरूरी था। अब यह तो ऑडियंस जाने कि उसने कितना झांका खुद के भीतर। पर आप सिहरते, मुस्कुराते, सोचते, नम आंखों के साथ इस अनुभव से निकलते हैं। सच्चे प्रेम की कथा। सिर्फ हैशटैग से दिल का जुड़ना और शादियों की गहराई नहीं होती दोस्त। 

Exit mobile version