जहां एक तरफ मेरठ विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा वही रैपिड रेल के निर्माण स्थल पर दुर्घटना भी सामने आ रही है और ये बेहद ही चिंताजनक बात है कि रैपिड रेल के कार्य के चलते-चलते एक स्लैब टूट गई और हादसे में आठ लोगों की जान चली गई है। घायलों को तुरंत निजि अस्पताल में भर्ती कराया गया और ये बड़ी लापरवाही प्रशासन की सामने आ रही है। आपको बता दें कि शताब्दीनगर स्टेशन के लिए स्लैब का कार्य चल रहा था। दो पिलर के बीच में स्लैब को कास्ट करने से पहले लोहे के ढाचे को मजबूत किया जा रहा था जिससे स्लैब पर कोई दबाव न पड़े। कुछ मिनटों में काम करते करते स्लैब गिर पड़ा और आस – पास चीखपुकार का शोर मचने लग गया।
जानकारी के मुतबिक ,पांच मजदूर दब गए व रेत में धंस गए। काफी मुश्किलों के बाद उन्हें निकाला गया और गंभीर रुप से घायल हो गए और इलाज के लिए केएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया करीब रात के तीन बजे पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। अच्छी बात तो ये रही कि स्लैब सुबह या शाम के वक्त नही गिरा वरना काफी जाने जा सकती इस हादसे में। ये मेरठ शहर का सबसे वयस्त चौराहा माना जाता है और इसके बावजूद बिना रास्ता रोके हुए रैपिड रेल का निर्माण कार्य दिन – रात चलता रहता था। इस हादसे को मद्देनजर, प्रशासन पर प्रश्न चिह्न लग जाता और इस बड़ी लापरवाही होने कैसे दी और सरकार और रैपिड रैल की देख – रेख करने वाले अधिकारयों की लापरवाही सामने देखने को मिल रही है।
ऐसे ये पहला हादसा नहीं है। पहले भी मेरठ के परतापुर इंटरचेंज के पास एक एंगल गिर गया था और प्रशासन की लापरवाही देखी जा सकती है और इन सब मजदूरों की उम्र 22- 30 साल की बताई जा रही है। मजदूरों की हालत गंभीर है माना जा रहा की स्लैब की गिरनी की आवाज बहुत तेज थी और बहुत दूर तक सूनाई दी थी जैसे कोई बड़ा बलास्ट हुआ हो और सभी कर्मचारियों को भीड़ की मदद से बहार निकाला गया था आपको बता दे कि तीन कर्मचारियों सिर पर गंभीर चोट आई है और एक की कमर की हड्डी टूट गई। वह कर्मचारी बहुत ही नाजूक हालत में है और सभी मजदूरों के परिवार दर्द में है आपको बता दे कि हादसे की तुंरत जानकारी देने के बाद डीएम , एसएसपी और तमाम बढ़े आधिकारी मौके का जायजा लेने पहुंचे थे। लेकिन राहत वाली बात ज्यादा जानें नही गई है ।