कैसे कह दूँ मेरा भारत महान ?
जब सस्ती हो गयी यहां बेटियों की जान !
गैंगरेप करते हैं बेटियों का ये कैसे
नरपिशाच हैं ?
मार दी जाती हैं बेटियां यहां
पुलिस , प्रशासन ,जनता यहां
सब मौन रहते हैं !
लालकिले से महिला सम्मान की
जो बड़ी बड़ी करते हैं बातें !
वो बेटियों के बलात्कारियों को
छोड़ने के लिए खुद ही बैचैन रहते हैं !
कैसे कह दूँ मेरा महान है ?
जहाँ निर्भया आज भी मांग रही
इंसाफ है!
कहते है माननीय न्यायालय
पूजनीय होता है !
पर जब बेटियों के बलात्कारियों को
छोड़ने वाले जज पर अब सन्देह होता है!
नहीँ उठेंगे किसी भी न्यायलय, न्यायाधीश
के सम्मान में में ये हाथ !
मणिपुर की बेटी बोल रही
क्यों देश है मौन आज ?
क्या ये वही भारत है
जो निर्भया दीदी के दरिंदो को फांसी के
लिए आधी रात जाग -जाग कर
हाथों में मोमबत्तियां लिए खड़ा था !
जब निर्भया के दोषियों को मिली थी सजा
मेरे देश मे होली, दिवाली जैसा जश्न
कई दिनों तक मना था !
मीडिया की खबरों में खूब बेटियों के इंसाफ के लिए दिन रात न्यूज चली थी !
अखबारों की सुर्खियों में भी बलात्कारियों के विरोध में मेरे देश की जनता सड़को पर आ खड़ी थी !
पर अब शर्म तो आती है मुझे मेरे देश पर ही
इस नए भारत में गैंगरेप के दोषियों को
रिहा करके जश्न मना रहे मेरे देश
के जाने माने जज ही !
अब न देश की महिलाएं बलात्कारियों को छोड़े जाने पर न कोई प्रतिक्रिया दिखाती हैं !
वो तो अपने ही नेता के गलत फ़ैसलों के समर्थन में अपने ही दोस्तो से लड़ जाती हैं !
खूब भाता है उनको ये नया भारत !
जहाँ बेटियों के बलात्कारियों को छोड़ने पर इंसाफ की आवाज उठाने वाली जनता रहती है नदारत !
सुनो मेरे देश की बेटियों अब तुम खुद ही खुद के लिए शस्त्र उठाओ !
नए भारत मे तुम्हें मिलेगा न्याय ये तुम
अब भूल ही जाओ !