प्यार, विश्वास और धोखा की कहानी में ये सभी भूल गए हैं कि दो मासूम बच्चों के भविष्य पर इसका कितना गहरा प्रभाव पड़ेगा। जी हां मैं बात बात कर रही हूं एसडीएम ज्योति मौर्या और आलोक मौर्या की पारिवारिक लड़ाई की। ये किस हद तक हुई कि उन दोनों बच्चियों के जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ने वाला है। उनका जीवन स्कूल से शुरू होकर उच्च शिक्षा तक जाएगा और हर जगह उनके साथ काले साए की तरह पीछा करता ही रहेगा। बच्चे भी उन सभी घटनाओं के शिकार होते हैं या उन सभी बातो का असर उनपर होते हैं जो उनके मां-बाप से जुड़ी होती है।
स्कूल में होता होगा बच्चियों का मजाक
आसपास से लेकर स्कूल के सहपाठी भी इस बात को लेकर उनका मजाक उड़ाएंगे। कहीं न कहीं उनकी मनोदिशा पूरी तरीके से खराब होने वाली है। जब इन सब घटनाओं को सुनेंगे, पढ़ेंगे जानेंगे या लोग या उनके सहपाठी इस बात का टोंट मारेंगे कि तुम्हारी मां ने ऐसा किया तुम्हारे पिता ने ऐसा किया तो उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। यह प्रभाव उनकी स्थिति में किस हद तक और किस मोड़ पर ले जाएगा इसका अंदाजा हम और आप नहीं लगा सकते हैं। आलोक मौर्या और एसडीएम ज्योति मौर्या ने आपसी लड़ाई में उन्होंने अपने बच्चों के भविष्य के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचा।
क्या मामले को सार्वजनिक करने की जरूरत थी
कहीं आलोक मौर्या के मन में बच्चों को लेकर कोई सवाल तो नहीं, कहीं उन्हें ये तो नहीं लगता कि बच्चे उनके है भी या नहीं। ये सवाल आलोक मौर्या के व्यवहार से अंदेशा लगाया जा सकता है क्योंकि चीजों को सार्वजनिक करने से पहले उन्होंने एक बार भी बच्चों के भविष्य के बारे में नहीं सोचा, जिसे आज पूरी दुनिया देख रही है। हर घर में एसडीएम ज्योति मौर्या और आलोक मौर्या की चर्चा हो रही है। क्या होगा उनके बच्चों के भविष्य का यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। मुझे लगता है कि ज्योति मौर्या गलत हैं या सही पर इन सब में बच्चों का क्या गुनाह था? किसने सोचा बच्चियों के भविष्य के बारे में।