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हिन्दी कविता: हम सब मिलकर साथ चलें!

Can India be truly secular , Hindu Muslim unity

Can India be truly secular , Hindu Muslim unity

तुम्हारे साथ मिल के

एक छोटा आशियाँ बनाएंगे

रहेंगे प्यार से हम सब

नई दुनिया बसायेंगे !!

यहाँ मंदिर प्रेम का होगा

यहाँ सब की मूर्तियाँ होगीं

कभी तकरार न होगा

कवायत सब धर्म की होगी !

हम मिलके ईद -दिवाली

धूम -धाम से मनाएंगे

सब मानव एक जैसे हैं

मानवता का धर्म निभाएंगे !!

हवा भी बहती है एक सी

गगन भी एक जैसा है बना

हमारे खून का भी रंग एक हैं

रूप भी एक जैसा है बना!

किसी के कहने में भला

लड़ाई हम क्यों करें ?

अपने लोगों के बीच में

नफरत हम क्यों भरें ?

आपस में जो हम लड़ते रहेंगे

कमजोरियों सब जान जाएंगे

हमारी एकता के नब्ज

को दुश्मन पहचान जाएंगे !

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